Chandrashekhar के सामने Akhilesh Yadav ने कही दी बड़ी बात… बीएसपी दो कद्दावर नेता को दे दिया ‘छोटा’ करार..

चंद्रशेखर आजाद, अखिलेश के पास बैठे थे… पत्रकार ने किया सवाल… अखिलेश ने कहा दिया… वो तो इनसे भी छोटे नेता हैं
अखिलेश का बड़ा वार… उस नेता को चंद्रशेखर से छोटा बताकर किया प्रहार… अखिलेश ने जब ऐसा कहा… चंद्रशेखर मुस्कुराने लगे
अखिलेश ने पीसी में दोनों नेताओं का नाम तो नहीं लिया… लेकिन सवाल उसी नेता पर था… जो छोटा भी उन्हीं को दिया करार

सुना आपने, सुन लिया आपने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ये किसके बारे में बोल रहे हैं… यही सोच में होंगे… सोच रहे होंगे… कौन वो नेता है…जिनके बारे में अखिलेश कह रहे हैं… वो बहुत छोटे हैं… उनकी तुलना अपने साथ बैठे नेताओं से कर दी… अखिलेश के साथ आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद भी बैठे थे… बाकयदा उनका नाम लेकर अखिलेश ने कह दिया… ये तो चंद्रशेखर आजाद से भी छोटे नेता हैं… उनके बारे में क्या कहे… अखिलेश ऐसा बोले और मुस्कुराने लगे… तो कौन है… वो नेता… जिनका नाम सुनते ही मुस्कुराते मुस्कुराते अखिलेश गुस्से में आ गए… और अपने राजनीतिक ज्ञान में आकर मुस्कुराते हुए उनकी राजनीति को कमतर आंक लिया…अब ऐसा कहने से पहले अखिलेश ने एक और बात कही पहले वो सुनिए…

अखिलेश कह रहे हैं… उनके साथ जितने भी नेता बैठे हैं… वो पुराने साथी हैं… बीएसपी का लक्ष्य बीजेपी हराना नहीं है…बीएसपी का लक्ष्य है सपा ना आगे बढ़ जाए…क्या सबको नहीं पता…सपा से गठबंधन नहीं होता…तो शुन्य होती बीएसपी…वो शुक्रिया देती है… जनता को जब वो देवबंद में आए थे…वो ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ था…गठबंधन का कार्यक्रम था…जनता ने उस वक्त सेक्यूलर चीजों के लिए डेमोक्रेसी बचाने के लिए और संविधान बचाने के लिए वोट दिया था…उन्हें खुशी है इस बात की जनता ने मदद की जिस वजह से बीएसपी का खाता भी खुला…अभी अकेले लड़े थे कितने थे विधायक…विधायक तो पता होगा कितने थे उनके…वो भी अपनी ताकत से है…

तो क्या कहेंगे… अखिलेश ने किनकी सियासत को कमतर आंक लिया… किनकी सियासत के बारे में कह रहे हैं… उनकी सियासत तो मिट्टी में मिल गई है… किनकी सियासत को अखिलेश बीजेपी के ईर्द गिर्द घुमा रहे हैं… अब एक बार फिर से अखिलेश की कही बात को सुन लीजिए…

साफ है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निशाने पर बीएसपी प्रमुख मायावती हैं… अखिलेश मानकर चल रहे हैं… मायावती की राजनीति अब गुजरे जमाने की बात हो गई… मायावती की पार्टी बीएसपी अब सपा के सामने बौनी पार्टी हो गई…जो बीजेपी के लिए राजनीति कह रही है… आपको क्या लगता मायावती, चंद्रशेखर आजाद से भी छोटे नेता हैं… क्या इमरान मसूद की राजनीति चंद्रशेखर आजाद के सामने कही भी नहीं ठहरती…