CM Dhami के मंत्री Premchand Aggarwal का विवादों से है चोली दामन का पुराना नाता….

एक बार नहीं ना जाने कितनी बार प्रेमचंद अग्रवाल को सीएम पुष्कर धामी ने माफ किया… लेकिन प्रेम अपने धुन में बीजेपी को फंसाते जा रहे हैं…
प्रेमचंद अग्रवाल के मारपीट प्रकरण से धामी सरकार की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ी… अब लग रहा है.. सीएम धामी प्रेमचंद के खिलाफ आखिरी फैसला लेने वाले
सीएम धामी तो यही कह रहे होंगे… हुजूर आप जाइए… मेरे ‘अंगने’ में आप हैं तो परेशानी ही परेशानी है !

ये तमाचा, ये मुक्केबाजी… ये जोरअजमाइश… ये ताकत की नुमाइश… माननीय पर अब भारी पड़ रहा है… सब नाराज है… पराये तो पराये अपने भी नाराज हैं… हर ओर से बस एक बात हो रही हुजूर अब छोड़ दीजिए अपना पद… बहुत किया आपका सम्मान… अब आप जाइए अपने रास्ते… हमे अपने पर छोड़िए… कोई कहे या ना कहे… मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो यही कह रहे होंगे… क्योंकि सबसे ज्यादा मुश्किलें तो प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ही बढ़ाई…. अब ये क्यों कह रहे हैं… प्रेमचंद अग्रवाल की वजह से सीएम धामी कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा… उसके बारे में आपको बताएंगे… उसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की बात सुन लीजिए…

पूरे मामले में विपक्ष प्रदेश भर में अब मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है…

इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्री को तलब कर पुलिस से जांच करने को निर्देश दिए हैं… सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के ऋषिकेश के एक व्यक्ति को पहले थप्पड़ जड़ने और उसके बाद सुरक्षाकर्मी के उसी व्यक्ति को लात घूसे मारने को लेकर लोग नाराजगी जता रहे हैं… इस पूरे मामले में भले ही मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पहले ही सफाई देते हुए व्यक्ति पर गाली गलौज करने का आरोप लगाया साथ ही अपने और सुरक्षाकर्मी के कुर्ते फाड़ने का आरोप लगाया हो लेकिन वायरल वीडियो सामने आने के बाद मंत्री पर लोग सोशल मीडिया में जमकर भड़ास निकाल रहे हैं…
इससे धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है… इतना ही नहीं परिजनों और विपक्ष ने देर रात तक ऋषिकेश थाने में मामले को लेकर जमकर हंगामा किया… इस पूरे प्रकरण से एक बार फिर मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं…

पहली बार नहीं जब मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल विवादों में घिरे
पहले भी उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले से लेकर अपने विभाग में तबादलों को लेकर भी मंत्री निशाने पर आए

उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से सबसे ज्यादा धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ी थी… जब बीजेपी कार्यालय में मंत्री से उनके स्पीकर रहते उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती के मामले में पूछा गया तो उनके बयान से सब हैरान हो गए…

प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा था कि विधानसभा बनने के बाद से और उनके कार्यकाल यानी 2021 तक विधानसभा में तदर्थ भर्तियां होती आई हैं, लेकिन रडार पर विलेन के तौर पर सिर्फ उन्हें ही पेश किया गया… ये मेरा दुर्भाग्य है कि मुझे ही विलेन बनाया गया है, जबकि राज्य गठन से लेकर अब तक विधानसभा में इसी आधार पर भर्ती हुई है…

मंत्री के इस बयान से बीजेपी और सरकार दोनों मुश्किल में पड़ती हुई नजर आई…इससे पहले विधानसभा में 2021 और 2022 में हुई तदर्थ नियुक्तियां रद्द होने के बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर इस्तीफे का दबाव बना… बैकडोर नियुक्तियों पर पहले उनका विवादित बयान आया और उसके बाद

शहरी विकास विभाग में 70 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादला आदेश पर मुख्यमंत्री की ओर से रोक लगाने का मामला गरमाया
फिर एक कंपनी के खर्च पर उनकी और उनके विभाग के अफसरों की जर्मनी यात्रा को लेकर भी खूब चर्चाएं हुईं

सितंबर 2022 में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद नगर निकायों में केंद्रीयत सेवा के 74 कार्मिकों के तबादले होने के बाद राज्य सरकार ने इस पर एक्शन लेते हुए तबादलों को 24 घंटे के अंदर स्थगित कर दिए गए… ये तबादले मंत्री ने विदेश दौरे पर जाने से ठीक पहले किए… ऐसे में ये पूरी कार्रवाई सवालों के घेरे में रही… मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल तबादले करने के बाद सात दिवसीय दौरे पर जर्मनी रवाना हो गए थे..