Cm Puskar Singh Dhami ने धर्मनगरी हरिद्वार में लैंड जेहाद को लेकर की बड़ी कार्रवाई…

क्या उत्तराखंड में चल रहा है लैंड जिहाद?
डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर आयी एक रिपोर्ट से मचा हंगामा
रिपोर्ट के बाद अब एक्शन में नजर आ रही है धामी सरकार
लैंड जिहाद पर सीएम धामी हुए सख्त,ले रहे हैं ताबड़तोड़ एक्शन
हाई लेवल मीटिंग में अधिकारियों को दिए कड़े दिशा-निर्देश

धर्मनगरी हरिद्वार में लैंड जेहाद को लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई दूसरे दिन भी लगातार जारी रही। आज जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से बनी 6 मजारों को ध्वस्त किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सभी विभागों की जमीनों पर हुए अवैध धार्मिक अतिक्रमण को चिन्हित किया जा रहा है।
देवभूमि उत्तराखंड में आजकल एक शब्द काफी बोला जा रहा है मीडिया में इस शब्द को लेकर खूब रिपोर्टिंग की जा रही है…ये शब्द है लैंड जिहाद…अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये लैंड जिहाद है क्या…दरअसल उत्तराखंड के कई इलाकों से जनसंख्या बदलाव के जरिए क्षेत्र की भौगोलिक संरचना को बदलने की कोशिश की एक रिपोर्ट आई और इसे ही भूमि जिहाद यानि लैंड जिहाद का नाम दिया गया है। इस रिपोर्ट के आते ही सरकार सरकार हरकत में आई और अधिकारियों ने एक बड़ा अभियान शुरू किया और अतिक्रमण के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत इस संबंध में लगातार जांच की जा रही है और एक्शन भी लिया जा रहा है….चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इस अभियान के तहत अब तक कहां कहां कार्रवाई की गई है और आगे कहां की जानी है…बताएंगे आपको पूरी खबर विस्तार से…बस आप हमारे इस वीडियो को आखिर तक देखते रहें
दरअसल उत्तराखंड में लैंड जिहाद को लेकर आई रिपोर्ट के बाद सरकार ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है और

अब इस काम में प्रदेश की खुफिया इकाई को भी लगाया गया है।
इंटेलिजेंस एजेंसी उन क्षेत्रों की पहचान कर रही है, जहां पर डेमोग्राफी को बदलने के इरादे से अतिक्रमण किया गया है।
सरकार की ओर से जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
इसमें डीएम और एसपी भी शामिल किए गए हैं। सरकार की ओर से उनसे हर दिन रिपोर्ट मांगी जा रही है।

सीएम के स्तर पर बैठक में फैसला

इस लैंड जिहाद की रिपोर्ट के बाद एक हाई लेवल की मीटिंग बुलाई गई जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गृह विभाग और राज्य पुलिस के अधिकारियों के बीच शुक्रवार शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया गया। इसमें सरकारी जमीन पर अतिक्रमण विरोधी अभियान में तेजी लाने के लिए कहा गया था।
सूबे के मुख्यमंत्री धामी ने एक जनसभा में बयान भी दिया था कि

उत्तराखंड में किसी भी तरह के भूमि जिहाद की अनुमति नहीं दी जाएगी।

और जैसे ही सीएम धामी का ये बयान आया और इस बयान के कुछ हफ्ते बाद ही यह कदम उठाया गया है। जिससे ये लगता है कि सरकार राज्य के बाहर के लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों के अतिक्रमण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। इनके बारे में कहा जा रहा है कि ये डेमोग्राफी को बदलने के इरादे से राज्य में बस रहे हैं।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार की ओर से शुरू किए गए अभियान के स्टेट नोडल अधिकारी एडीजी कानून और व्यवस्था वी मुरुगेसन को बनाया गया है….और इस अभियान के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि

जिला टास्क फोर्स की ओर से की गई कार्रवाई का डेटा जल्द ही संकलित किया जाएगा और दैनिक आधार पर सरकार को भेजा जाएगा
अभियान का फोकस अतिक्रमण के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करना है।

वहीं राज्य के एक और एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि सीएम धामी के बैठक में दिए गए निर्देशों के मुताबिक 13 जिलों में से प्रत्येक में कार्य बल बनाए गए हैं। उनमें दूसरे विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। वन, राजस्व और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इसमें रखा जाएगा।
बताया जा रहा है कि अधिकारी अपने संबंधित विभागों की जमीन पर अतिक्रमण के बारे में जानकारी साझा करके मिलकर काम करेंगे। राज्य की खुफिया इकाई विशेष रूप से हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों के साथ-साथ देहरादून के बाहरी इलाकों में जानकारी एकत्र करेगी…इस सब से ये साफ है कि राज्य सरकार अपने इस अभियान को फिलहाल रोकने वाली नहीं है और इसकी जद में ज्यादा से ज्यादा इलाके आने वाले हैं…आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं साथ ही उत्तराखंड से जुड़ी हर खबर के लिए हमारा चैनल सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया