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CM Yogi ये फैसला Mayawati के लिए झटका लेकिन Akhilesh को क्यों महसूस हुआ करंट ?

CM Yogi ये फैसला Mayawati के लिए झटका लेकिन Akhilesh को क्यों महसूस हुआ करंट ? | UP News Special
CM योगी की ओर से श्रीराम और मां दुर्गा भक्ति के बाद एक और फैसला आने वाला… ये फैसला मायावती के लिए झटका लेकिन अखिलेश को क्यों महसूस हुआ करंट ?


योगी ने अभी फैसला लिया… अखिलेश क्यों परेशान होने लगे
योगी अगर ये फैसला ले लेते हैं… तो मायावती के लिए झटके जैसा होगा… लेकिन अखिलेश हैरान परेशान क्यों हैं ?
श्रीराम और दुर्गा भक्तों के बाद अब एक और फैसला जल्द योगी सरकार लेकर आने वाले हैं… सपा ने फैसला आने से पहले खोंट निकालना शुरू किया


अब भी कल की ही बात सीएम योगी ने श्रीराम के भक्त और मां दुर्गा के भक्तों के लिए एलान किया… एक-एक लाख भजन कीर्तन और शक्ति पाठ देने का एलान किया… प्रशासन को ठीक से इसे लागू करने का एलान किया… और आज का दिन आया… तो एक नई सुगबुगाहट तेज हो गई… कहा जाने लगा… सीएम योगी और उनकी सरकार अब जो फैसला लेने वाली है… उस अखिलेश यादव आक्रामक है… उसकी गलतियां गिनाने में लगे हैं… योगी के इस फैसले को अभी से फ्लाप करार देने में लग गए… हालांकि अभी ये फैसला लिया नहीं गया है… हालांकि ये फैसला अगर लागू होता है… तो इसका इफ्केट मायावती की राजनीति पर पड़ेगा… लेकिन अखिलेश नाराज हो गए है… ये फैसला बीएसपी प्रमुख मायावती के लिए झटके जैसा है… लेकिन झटका सपा का पहले लग गया… तभी योगी के इस फैसले की जैसे ही सुगबुगाहट तेज हुई सपा ने इसके खिलाफ आवाज उठाने में देरी नहीं लगाई… सबसे पहले प्रतिक्रिया दे दी….दरअसल अखिलेश की नजर भी इस वक्त मायावती के बेस वोटर्स दलित समुदाय पर है… अखिलेश पूरी तरह कोशिश कर रहे हैं… यूपी में दलितों का वोट उनकी पार्टी सपा के खाते में आए हैं… इसके लिए वो मायावती पर आक्रामक है… सीएम योगी पर आक्रामक हैं… उनपर एक के बाद एक आरोप लगा रहे हैं… लेकिन इन सबके बीच अगर योगी सरकार ये फैसला धरातल पर उतार देती है… कैसे मायावती और अखिलेश क्यों मान रहे हैं… ये उनकी राजनीति के लिए झटके जैसी है… बस दो मिनट में सीएम योगी के इस धाकड़ दांव को समझ जाएंगे…


दरअसल योगी सरकार यूपी में नई टाउनशिप नीति को लेकर आ रही है… इसमें अब छोटी जमीनों पर भी कॉलोनियां बसाई जा सकेंगी… दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में कमसे कम शाढ़े 12 एकड़ और बड़े शहरों में 25 एकड़ में नई कॉलोनियां बन सकेंगी…अब इसमें एक और फैसला शामिल होने सुगबुगाहट हो रही है… कहा जा रहा है… दलितों और अनुसूचित जनजाति की जमीन खरीदने के लिए डीएम की अनुमति की जरूरत नहीं रहेगी… साफ एससी-एसटी समुदाय के लोगों को प्रशासनिक झंझावटों से निजात मिलेगा… उन्हें अपने आशियाना को बनाने में पापड़ नहीं बेलने पड़ेंगे… वो अपने घर को आराम से बना सकेंगे… अब जबकि सरकार का ये फैसला एससी-एसटी समुदाय के पक्ष में जाएगा… तो जाहिर सी बात 2024 के लोकसभा चुनाव में जो लक्ष्य बीजेपी ने अपने लिया रखा है… 80 सीटों का टारगेट पूरा करने का प्रण लिया है… सीएम योगी अगर ये फैसला लेते हैं… तो वो उनके प्रण को और मजबूत करेगा….अगर दलितों और अनुसूचित जनजाति की जमीन लेने के लिए डीएम की अनुमति नहीं लेने संबंधी प्रस्ताडव पास हो जाता है तो ये बड़ी बात होगी… हालांकि अभी तक कुछ स्पेष्टो नहीं है पर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर तंज कस दिया है… समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने ट्वीट किया है-

अब दलितों की जमीन पर आसानी से भाजपाई भूमाफिया कब्जा कर सकेंगे… दलितों को डरा धमका का उनकी जमीन सस्ते दामों पर खरीद सकेंगे…भाजपा शासित योगी सरकार दलित विरोधी है…भाजपा के नेता भू माफिया हैं… भाजपा के नेता गुंडागर्दी करके दलितों जमीनें कब्जाते हैं और उस पर बिल्डिंग खड़ी करते हैं…


आपको बता दें कि आवस विभाग की प्रस्तावित नई नीति के अनुसार, कॉलोनियां तक जाने के लिए कम से कम 24 मीटर और कॉलोनियों के भीतर 12 मीटर चौड़ी सड़कें होंगी… निजी टाउनशिप में नक्शा पास करने के नियम सख्त होंगे… सेक्टर विशेष का अलग से कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था होगी… जिस सेक्टर का प्रमाण पत्र होगा उसका ही नक्शा पास किया जाएगा… बिन कंपलीशन सर्टिफिकेट नक्शा पास नहीं किया जाएगा… वर्तमान में लागू इंटिग्रेटेड नीति में कॉलोनी बनाने के लिए न्यूनतम 500 एकड़ और हाईटेक नीति में न्यूनतम 1500 एकड़ की अनिवार्यता समाप्त की जाएगी..

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