कांग्रेस के अंदरखाने केजरीवाल के समर्थक कौन..कौन हैं खिलाफ ? खड़गे का फोन पर बात…कानूनी मदद… उस नेता को बड़ा एतराज

कांग्रेस के अंदर अरविंद केजरीवाल को लेकर कन्फ्यूजन है… मच गया घमासान !
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे केजरीवाल को फोन कर दे रहे दिलासा… कांग्रेस का एक नेता कह रहे है… अध्यक्ष जी ऐसा मत कीजिए
कांग्रेस से वास्ता रखने वाले प्रख्यात वकील का केजरीवाल को कानून मदद… कांग्रेस के उस नेता का इस प्यार पर एतराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पुरानी अदावत को भूलने को तैयार है… ये इसलिए कह रहे हैं… जिस दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के कद्दावर नेता पर भ्रष्टाचार क्या क्या आरोप नहीं लगाया था… वही अरविंद केजरीवाल जब खुद भ्रष्टाचार के आरोपों की जद में आए तो दिलासा देने वालों को कमी नहीं है… लेकिन कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के इस प्यार पर कांग्रेस के ही एक बड़े नेता को एतराज है… एक तरह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केजरीवाल से फोन कर आश्वासन दे रहे हैं… इस मसले पर हम आपके साथ हैं… तो कांग्रेस का वो नेता कह रहा है… माननीय ऐसा क्यों कर रहे हैं… मत कीजिए… अच्छा नहीं लगता है… क्योंकि जिस आबकारी नीति पर सीबीआई की जांच में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आंच आयी वो कांग्रेस की ओर से ही एलजी से की गई शिकायत का परिणाम है….

एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फोन कर 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया था… तो दूसरी ओर कांग्रेस का वो कद्दावर नेता कह रहा है… भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों’ का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और उनके सहयोगियों को कोई सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए… ये नेता और कोई नहीं बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन है… माकन का ये रुख कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के बिल्कुल विपरीत है… कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 15 अप्रैल को केजरीवाल को फोन कर आप नेता के साथ एकजुटता दिखाई थी… माकन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों को एकजुट करने और उन्हें एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है…

इस संबंध में कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट किया… कहा

मेरा मानना है कि केजरीवाल जैसे लोगों और उनके साथियों को, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, किसी तरह की सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए…

यानी साफ है… अजय माकन अरविंद केजरीवाल को माफ करने के मूड में नहीं है… कांग्रेस आलाकमान के इतर साफ कह रहे हैं… शराब घोटाले के आरोपों की गहन जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए… कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए ये पहचानना महत्वपूर्ण है कि केजरीवाल की ओर से भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का उपयोग पंजाब, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ किया गया है…

गौरतलब है कि अन्ना हजारे आंदोलन के बाद केजरीवाल ने 2013 में भ्रष्टाचार से लड़ने के मकसद से आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी, जिसने लोकपाल विधेयक को लागू करने का वादा किया था, जिसे विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार के समाधान के रूप में देखा था…हालांकि, केजरीवाल ने सत्ता में आने के 40 दिन बाद फरवरी 2014 में एक मजबूत लोकपाल बिल की मांग करते हुए अपनी ही सरकार को भंग कर दिया… इसके बावजूद, माना जाता है कि दिसंबर 2015 में केजरीवाल ने लोकपाल विधेयक का कमजोर संस्करण पेश किया, जो 2014 में प्रस्तावित मूल विधेयक से बहुत अलग था…माकन ने कहा कि मूल विधेयक, जिसने केजरीवाल की 40 दिन की सरकार को भंग करने का आधार बनाया था, अभी तक लागू नहीं किया गया है…माकन ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं और वरिष्ठ संचालन समिति के सदस्यों से अपील की कि वो अदालत में केजरीवाल या उनकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने से बचें…गौरतलब है कि कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले भी आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया है और केजरीवाल ने उनसे कानूनी सलाह की मांग की है…