पूर्व ब्लॉक प्रमुख हाजी यूनुस के काफिले पर रविवार दोपहर तीन बजे ताबड़तोड़ 60 राउंड फायरिंग की गई। इसमें उनके एक समर्थक खालिद की मौत हो गई जबकि चार गंभीर रूप से घायल हैं। यूनुस गांव भाईपुरा से शादी समारोह से बुलंदशहर लौट रहे थे तभी रजवाहे की पुलिया के पास स्वचालित हथियारों से हमला कर दिया गया। हमला कराने का आरोप पूर्व विधायक व बड़े भाई मरहूम हाजी अलीम के बेटे अनस पर लगाया है जो पिता की हत्या में जेल में बंद है। हाजी यूनुस शनिवार को ही बसपा छोड़कर रालोद में शामिल हुए थे। काफिले में सबसे आगे हाजी युनूस की ऑडी कार थी, जिसमें वह पिछली सीट पर अन्य लोगों के साथ बैठे थे। उनके पीछे फॉर्च्यूनर और दो अन्य गाड़ियां भी थीं। फायरिंग के दौरान ऑडी और फॉर्च्यूनर में सवार लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। कार से आए छह हमलावर फायरिंग के बाद बदायूं-शिकारपुर हाईवे की ओर फरार हो गए।
घायल खालिद, राशिद, शादाब, अफजल और शमी आलम को जिला अस्पताल पहुंचा गया। वहां से मेरठ और नोएडा ले जाया गया। खालिद ने अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ दिया। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि हमलावरों की तलाश की जा रही है।
बदमाशों को थी सटीक जानकारी
बदमाशों ने जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया, उससे साफ है कि उन्हें यूनुस के पल-पल की जानकारी थी। इसलिए घटनास्थल पहले से ही तय कर रखा था। आरोपियों को यूनुस के शादी समारोह में पहुंचने और वहां से निकलने की सटीक जानकारी थी। जिससे वह पहले से ही लोकेशन पर पहुंच गए थे।
20 मीटर दूर खड़ी की कार
बताया जाता है कि शादी समारोह से करीब 250 मीटर दूर पर ही बदमाशों ने अपनी कार को रजवाहे की पुलिया के पास हाईवे की ओर मोड़कर खड़ा किया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक बदमाश कार को स्टार्ट किए खड़ा था। जबकि अन्य बदमाश कार से 20 मीटर दूर गांव के मोड़ पर खड़े थे। काफिला पहुंचते ही वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने सामने की ओर से काफिले के दोनों ओर फायरिंग की।
बसपा से रालोद में आए थे
मोहल्ला ऊपरकोट निवासी हाजी यूनुस शनिवार को ही बसपा छोड़कर रालोद में शामिल हुए थे। वह बुलंदशहर सदर सीट से बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। सदर ब्लॉक प्रमुख भी रहे हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी निशा परवीन सदर ब्लॉक प्रमुख हैं।
पुलिस पर लगाया आरोप
युनूस ने पुलिस प्रशासन पर पूर्व में शिकायत किए जाने के बाद सुरक्षा और कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने सुरक्षा दी होती तो हमला न होता। अगर होता भी तो हमलावर मौके से पकड़े जाते।