arvind kejriwal
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नई दिल्ली, 29 फरवरी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की। यह मुलाकात शहरी विकास मंत्री के नई दिल्ली स्थित कार्यालय में हुई। मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री के बीच हुई बैठक के दौरान दिल्ली में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की गई।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा एवं उपद्रव के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के बीच यह पहली मुलाकात है। गौरतलब है कि दिल्ली में ढांचागत सुविधाओं एवं सेवाओं का एक बड़ा क्षेत्र शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास जैसे कार्य के लिए केंद्र सरकार से मदद मांग सकते हैं।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान दुकानों, मकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को जलाया गया है। मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या जलाए गए घर, दुकान व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पुनर्वास में दिल्ली सरकार शहरी विकास मंत्रालय की मदद लेगी तो मुख्यमंत्री ने कहा, पुनर्वास के कार्य में अभी दिल्ली सरकार लगी हुई है। मैं प्रतिदिन पुनर्वास कार्यो की समीक्षा कर रहा हूं। इसके अलावा हम जमीनी हालात पर भी नजर बनाए हुए हैं, फिर भी यदि कोई जरूरत हुई तो हमें केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का सहयोग मिलेगा।

हरदीप पुरी के साथ हुई बैठक का खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हम दोनों ने निर्णय लिया है कि राजधानी के रूप में दिल्ली को दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाएं। इस काम के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार मिलकर काम करेंगे।

दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय के महत्व को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा दिल्ली के सबसे ज्यादा काम केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से संबंधित है, ऐसे में दिल्ली सरकार और केंद्रीय मंत्रालय दिल्ली की उन्नति के लिए मिलकर काम करेंगे।

केजरीवाल ने कहा, हम दोनों ने तय किया है कि हम मिलकर अगले 5 साल दिल्ली के लोगों और दिल्ली के विकास के लिए काम करेंगे। हमारी सरकार दिल्ली के लोगों तक और ज्यादा सुविधाएं पहुंचाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, कबीर नगर, विजय पार्क, बृजपुरी, करावल नगर, मुस्तफाबाद, गोकुलपुरी, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में अभी तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक लोग घायल हैं।

इस दौरान दिल्ली के इन हिस्सों में रिहायशी और व्यावसायिक संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पम्प जला दिया। अब दिल्ली एवं केंद्र सरकार की मदद से यहां पुनर्वास कार्य शुरू किया गया है।