आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) ने आखिर सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की राय मान ही ली… जो शिवपाल ने उन्हें नसीहत दी थी… जो शिवपाल ने उन्हें चेतावनी दी थी… उसका असर अब दिखने लगा… एक डर जो बीजेपी के पाले में शिवपाल ने अपनी सियासी धमक की मौजूदगी से फेंका था… वो डर वाली चाल लगता है बीजेपी की राजनीति पर अपना असर दिखाने लगा…
निरहुआ से एक सवाल किया गया… खबर है कि आपका भी टिकट कट सकता है… उसपर निरहुआ ने जो बात कही… उससे जो मायने निकले उससे तो यही लगा… निरहुआ की सियासी राह अब कुछ और रहने वाली है… ऐसा लग रहा है… निरहुआ ने अपने जेहन को समझा दिया और अब संकेत कुछ ऐसा दे रहे हैं… जिसके कई मायने निकल रहे हैं… जिसके आधार पर लग रहा है… बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ अबकी बार आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़ेंगे… अबकी बार बस यूं ही बीजेपी को अपनी ओर से सपोर्ट करेंगे…
दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) कह रहे हैं… अगर जनता ने मुझे और मेरे कामों को नहीं पसंद किया है तो मेरा भी टिकट कट सकता है… प्रधानमंत्री ने यही कहा है कि जो काम न कर सके उसे अपना पद भी छोड़ देना चाहिए. दूसरों को मौका मिलना चाहिए…आजमगढ़ में हमने कहा था कि आप प्रतिनिधि बन जाते हैं और आपके पास आजमगढ़ के लिए समय नहीं है तो आप पद छोड़ दीजिए, दूसरे को मौका दीजिए… हम लोग आजमगढ़ में रहकर काम कर रहे हैं…
अगर हम अपना काम नहीं कर पाए या हमारे पास समय नहीं हुआ तो हम खुद ही पद छोड़ देंगे… या तो आप जिम्मेदारी मत लीजिए. निरहुआ ने कहा कि जिम्मेदारी लेते हैं तो निभाइए… जिम्मेदारी लेना बड़ी बात नहीं है, जिम्मेदारी निभाना बड़ी बात है… मुझे जो जिम्मेदारी मिली है मेरी जितनी क्षमता उसे निभा रहा हूं… आगे जिसे जिम्मेदारी मिलेगी, वो निभाएगा… ये जनता तय करती है कि उसको कौन चाहिए… अगर जनता को लगता है कि मैं अच्छा काम कर रहा हूं तो वो मुझे चुनेगी… बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के बयान में साफ दिखता है… बार बार जिम्मेदारी की बात कह रहे हैं… वो कह रहे हैं… उनकी जितनी क्षमता है वो निभा रहे हैं… साफ है… उन्हें बीजेपी आलाकमान से संकेत मिल चुका है… उनकी सियासी क्षमता मोदी-शाह की कसौटी पर खरी नहीं उतरी है… वो मान कर चल रहे हैं… उन्हें इस बार तो टिकट नहीं मिलेगा…