कोरोना वायरस को मात देने के लिए यूपी में सरकार की कोशिश है लोग अपने घरों में ही कैद रहे । इसके लिए मॉल से लेकर स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं ।कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू किया गया । रेल, बस, विमान सेवा के साथ ही स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं । बावजूद इसके कोशिश की गई छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर ना पड़े इसके लिए स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई । लेकिन अब इसी ऑनलाइन पढ़ाई पर सवाल उठाने लगे हैं । सवाल प्रशासनिक स्तर पर उठाए गए है ।

गाजियाबाद के डीएम ने अजय शंकर पाण्डेय ने ऑनलाइन पढ़ाई पर रोक लगाने के लिए यूपी सरकार को एक पत्र लिखा है । उन्होंने पत्र में लिखा है कि ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों के सेहत पर असर पड़ रहा है । पत्र में उन्होंने जो बाते लिखी है वो इस प्रकार से है –

  • बच्चों के प्रत्येक दिन लगातार 4-5 घंटे कंप्यूटर पर ध्यान केंद्रित करते हुए बैठना पड़ रहा है ।
  • लगातार कम्प्यूटर पर बैठने के कारण बच्चों की आंखों में चुभन और सिरदर्द होने की समस्याएं हो रही है ।
  • छोटे बच्चे बिना अभिभावक की मदद से कम्प्यूटर चला नहीं पाते हैं, जिस वजह से बच्चों के अभिभाव को भी 4-5 घंटे बच्चे के साथ बैठना पड़ता है ।
  • बच्चों के अभिभावकों का अपना कार्य होने के कारण वह घर होते हुए भी बच्चों की मदद नहीं कर पा रहे हैं, जिस कारण बच्चों पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है।

ये कारण है जिसकी वजह से डीएम अजय शंकर पाण्डेय ने शासन को पत्र लिखा । इस तरह की समस्याओं से वाकिफ होने के लिए उन्होंने फोन के माध्यम खुद दर्जनों बच्चों से बात की और अब ऑनलाइन पढ़ाई को तत्काल रोक देने की मांग कर रहे हैं । इसके साथ ही डीएम अजय शंकर पाण्डेय में शासन से इसकी जगह गर्मी की छुट्टी घोषित किए जाने का सुझाव दिया है।