कोरोना संकट में लोगों को अब घर की याद खूब सता रही है । तभी लॉकडाउन जैसी स्थितियों में भी अपने राज्य और गांव तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत लगा दे रहे हैं । ऐसी कई घटनाएं आपने सुनी होगी । लेकिन अब जो आपको खबर बताएंगे उसमें छिपा है तो सिर्फ तड़प, बेचैनी और छटपटाहट ।

ऐसा ही एक मामला प्रयागराज में सामने आया है। जहां लॉकडाउन के भंवर से बाहर निकलने की बेताबी में एक शख्स ने अपने घर पहुंचने के लिए गजब का दिमाग लगाया । उस शख्स का नाम प्रेम मूर्ति पाण्डेय है । प्रेम मुबंई में रहता है । यहां से अपने पैतृक गांव कोटवा मुबारकपुर पहुंचने के लिए उसने करीब 2.5 लाख रुपये में 25 टन प्याज खरीदा और 77,500 रुपये चुकाकर एक ट्रक किराये पर लिया। और प्रयागराज पहुंच गया ।

प्रेम मूर्ति पाण्डेय ने बताया

मुंबई में किसी तरह 21 दिन तो गुजार लिया, लेकिन लॉकडाउन खुलने के कोई आसार नहीं दिख रहे थे।अंधेरी ईस्ट के आजाद नगर में जहां उसका घर है, वहां बहुत घनी बस्ती है और कोरोना फैलने का खतरा भी वहां अधिक है। बस, ट्रेन और विमान सेवाएं बंद हैं। इसके बाद उसने अपने पैतृक घर पहुंचने का ये रास्ता खोजा। 

बहरहाल इतनी लंबी और महंगी यात्रा के बाद पांडे जब 23 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचा तो उसे पुलिस की पूछताछ और डॉक्टरों की जांच से गुजरना पड़ा। वह होम क्वारंटीन में है और उसकी टेस्ट रिपोर्ट अभी नहीं आई है।