सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति इन दिनों बेहद ही डरे हुए हैं । गायत्री को ये डर दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस से है । यही वजह रही कि उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया । हालांकि हाईकोर्ट ने इस संबंध में KGMU अस्पताल प्रबंधन को हॉस्पिटल में कोरोना वायरस संक्रमण न हो इसके लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है । इसके साथ ही कोर्ट खुलने पर गायत्री प्रजापति की बीमारी पर रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है ।
दरअसल सामूहिक बलात्कार के मामले में जेल में बंद गायत्री प्रसाद प्रजापति का इलाज लखनऊ के KGMU के यूरोलाजी विभाग में चल रहा है । गायत्री यूरो परेशानी से ग्रस्त हैं । उन्हें अस्पताल में कोरोना मरीजों के वार्ड के बगल में रखा गया है । गायत्री प्रजापति ने हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में यही कहा । इसलिए कुछ समय के लिए उन्होंने जमानत पर रिहा करने की कोर्ट से अपील की । जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया ।
बहरहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केजीएमयू लखनऊ के अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वो ऐसे कदम उठाएं ताकि यूरोलाजी विभाग में इलाज के लिए भर्ती गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोरोना वायरस का इलाज करा रहे अन्य मरीजों से संक्रमण न हो पाए ।
हालांकि कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश भर की जेलों से कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है लेकिन ये वे कैदी हैं जिन्हें 7 साल से कम की सजा हुई है या फिर जेलों में बतौर विचाराधीन कैदी हैं ।