गाजियाबाद: गाजियाबाद के जिलाधिकारी के ट्वीट और चंद बसों से भेजे गए मजदूरों की छपी खबर ने ने हालात को भयावह बना दिया। ऊपर से DM अजय शंकर पांडेय ने ट्वीट में बस के साथ भोजन की बात लिखकर लोगों को अपनी जगहों से पलायन करने के लिए प्रेरित कर दिया। ये बात आग की तरह कुछ ऐसे फ़ैली की हज़ारों गरीब मजदूर लालकुआं और यूपी बॉर्डर पहुँच गये। अब हालात बिगड़ते देख DM साहेब ट्वीट डिलीट करके निकल गये लेकिन जनता गाजियाबाद की सड़कों पर बेहाल है।
जिला प्रशासन द्वारा बसों के इंतजाम की खबर कुछ इस तरीके से अखबारों और मीडिया के जरिए मजदूरों तक फैली कि उन्हें लगा अगर वह गाजियाबाद पहुंच जाए तो अपनी मंजिल पर भी पहुंच सकते हैं। उन्हें यह खबर लगी कि गाजियाबाद में बसों का इंतजाम कर लोगों को अपने गांव घर तक भेजा जा रहा है। इसी आस में दिल्ली ही नहीं बल्कि गुड़गांव सहित एनसीआर के अन्य जिलों में रहने वाले मजदूर भी गाजियाबाद पहुंच गए। उन्हें उम्मीद थी कि यहां बस मिल जाएंगी और वह अपने गृह जनपद पहुंच जाएंगे, जहां काम और रोटी भले ना मिले लेकिन आशियाना जरूर मिल जाएगा और परिवार के बीच रहने से उन्हें कम से कम परिवार की चिंता और परिवार को उनकी चिंता तो नही सताएगी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिन बसों का ज़िक्र किया गया वो सिर्फ़ खानापूर्ति थी।