रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता के शव का बुधवार को परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। जब से शव गोरखपुर से कानपुर पहुंचा था तब से घर के बाहर रखा गया था। पुलिस कमिश्नर से लेकर प्रशासनिक अफसरों के काफी देर तक मान मन्नौव्ल के बाद गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। इधर, परिजन मुख्यमंत्री से मिलने पर अड़े हैं। 50 लाख रुपये का मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी समेत छह मांगें पुलिस प्रशासन के सामने रखीं हैं। वहीं, मनीष के घर राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा है। पुलिसकर्मियों की करतूत के खिलाफ लोगों का गुस्सा जमकर फूटा है। लगातार हंगामा, बवाल और विरोध प्रदर्शन जारी है।
गोरखपुर से बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे मनीष का शव बर्रा तीन स्थित घर पहुंचा। कुछ ही मिनटों में उनके परिजनों और इलाकाई लोगों का तांता लग गया। सपा, कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी समर्थकों के साथ पहुंच गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर हंगामा करने लगे। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी, एसडीएम व एडीएम परिजनों को समझाने में जुटे रहे। सुबह से शाम हो गई लेकिन परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को राजी नहीं हुए। देर शाम तक हंगामा, प्रदर्शन जारी रहा। परिजन लगातार अड़े रहे कि तत्काल उनको मुख्यमंत्री से मिलवाया जाए।
10 लाख का चेक लौटाया, मिलेंगे सीएम
दोपहर बाद पुलिस कमिश्नर असीम अरुण मौके पर पहुंचे। मनीष की पत्नी मीनाक्षी व अन्य परिजनों से काफी देर तक बातचीत की। उसके बाद उन्होंने शासन के अफसरों से इस संबंध में जानकारी ली। पुलिस कमिश्नर मुख्यमंत्री के आदेश पर परिजनों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने परिजनों से कहा कि मुख्यमंत्री गुरुवार को शहर आ रहे हैं। उसी दौरान उनको उनसे मिलवाया जाएगा। इसकी अनुमति मिल गई है। सीपी ने कई बार परिजनों से गुजारिश की, लेकिन वह शव उठाने को राजी नहीं हुए। इस दौरान प्रशासनिक अफसर पीड़ित परिवार को 10 लाख का चेक देने लगे। परिजनों ने चेक लेने से इनकार कर दिया।
प्रियंका और अखिलेश यादव ने फोन पर की बात
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों से फोन पर बातचीत की। उन्होंने उनको ढांढस बंधाया। कहा कि वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा। इसके लिए कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े। प्रियंका गांधी ने ट्विट कर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि गोरखपुर में एक कारोबारी को पुलिस ने इतना पीटा कि उनकी मृत्यु हो गई। घटना से पूरे प्रदेश के आमजनों में भय व्याप्त है। इस सरकार में जंगलराज का ये आलम है कि पुलिस अपराधियों पर नरम रहती है और आमजनों से बर्बर व्यवहार करती है।
पत्नी का आरोप ट्विटर एकाउंट बंद करवा दिया
वारदात के बाद से मनीष की पत्नी मीनाक्षी पुलिस के उच्चाधिकारियों, मुख्यमंत्री समेत अन्य शासन के अधिकारियों को लगातार ट्वीट कर रही थीं। जिसके जरिये वह अपनी मांगें रख रही थीं। मीनाक्षी के मुताबिक अब उनका ट्विटर एकाउंट बंद करवा दिया गया है, जिससे वह ट्विट न कर सकें।
मनीष की पत्नी की छह मांगें
50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए
पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए
केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए
हत्याकांड की सीबीआई जांच हो
जिस होटल में हत्याकांड को अंजाम दिया गया उस पर कार्रवाई की जाए
दोषी पुलिसकर्मयों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि घटना बेहद दुखद है। हम सब पीड़ित परिवार के साथ हैं। गुरुवार को पीड़ित परिजनों को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा। जो मांगें परिजनों की हैं वह शासन तक पहुंचा दी गई हैं।
मान मन्नौव्ल के बाद अंतिम संस्कार के लिए माने परिजन
बुधवार को दिनभर मान मन्नौव्ल के बाद परिजन देर रात अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। वहीं आज मुख्यमंत्री अपने तय कार्यक्रम के तहत पहले सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद मनीष के परिजनों से मुलाकात करेंगे
जिन्होंने कत्ल किया, वो क्या जांच करेंगे
मनीष की पत्नी मीनाक्षी और अन्य परिजनों ने गोरखपुर पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस पुलिस ने उनके पति को मार डाला। अब वही केस की जांच करेंगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच में क्या होगा। अगर गोरखपुर पुलिस जांच करेगी तो न्याय नहीं हो पाएगा। इसलिए जांच कानपुर पुलिस को ट्रांसफर की जाए। सीबीआई से भी जांच कराई जाए। परिजनों ने हत्याकांड के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई है।