- एडीएम बिजनौर के रिकवरी नोटिस पर
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक
- CAA के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी किया था नोटिस
- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यूपी कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई । इसी मामले में बिजनौर प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रिकवरी नोटिस जारी किया था । अब इस मामले में बिजनौर प्रशासन को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मामले में बिजनौर प्रशासन की ओर से जारी रिकवरी नोटिस पर रोक लगाते हुए जवाब मांगा है ।

जावेद आफताब और तीन अन्य याचियों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस दीपक वर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश जारी किया। कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। इससे पहले मोहम्मद फैजान के मामले में भी कोर्ट ने स्टे लगा दिया था। फैजान मामले के आधार पर ही हाई कोर्ट ने इस मामले में भी रिकवरी नोटिस पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
वही यूपी सरकार की ओर से सीएए हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के मामले में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में सोमवार दोपहर 2 बजे अपना फैसला सुनाएगी। हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए छुट्टी के दिन यानी रविवार को सुनवाई की।
बता दें कि लखनऊ में जिला प्रशासन ने तोड़फोड़ के दोषियों के नाम, फोटो और पते के साथ बड़े-बड़े होर्डिंग शहर के चौराहों पर लगवा दिए हैं। होर्डिंग के मुताबिक, आरोप साबित होने के बाद तय वक्त तक अगर दोषी पाए गए लोगों ने जुर्माना जमा नहीं किया तो उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।