नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सोनिया गांधी की पूछताछ के बारे में बात करते हुए, उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने जरूरत पड़ने पर राजनीति में प्रवेश करने का संकेत दिया.
‘BJP नेताओं को क्यों नहीं बुलाती हैं जांच एजेंसियां?’
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, उन्होंने कहा, ‘मुझे एक बीजेपी नेता का नाम बताएं जिसे इन एजेंसियों ने पूछताछ के लिए बुलाया है. हर बार बीजेपी को लगता है कि देश उनकी नीतियों से नाखुश है, वे शुरू करते हैं गांधी परिवार को परेशान करना.’
‘व्यापारियों को IT का नहीं ED का नोटिस मिलता है’
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘इस देश में बदलाव की जरूरत है. अगर लोगों को लगता है कि मैं देश में जरूरी बदलाव ला सकता हूं, तो मैं राजनीति में आ जाऊंगा.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ED सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है क्योंकि लोग GST से नाखुश हैं. आजकल व्यापारियों को आयकर विभाग के बजाय ईडी से नोटिस मिलता है.’
‘सब जेल जाएंगे, कोई तो बाहर रहे’
यह बताते हुए कि वे सोनिया गांधी के साथ ED दफ्तर क्यों नहीं गए, उन्होंने कहा कि वह परिवार के साथ खड़े हैं लेकिन ईडी कार्यालय में जाकर कोई मुद्दा नहीं बनाना चाहते थे. ‘अगर सभी को हिरासत में लिया जाता है, तो अन्याय के खिलाफ बोलने के लिए बाहर कोई होना चाहिए. मैंने उन्हें (सोनिया गांधी को) सलाह दी है कि जांच एजेंसी से कैसे निपटें क्योंकि मैं 15 बार ईडी के पास गया हूं और 23,000 दस्तावेज जमा किए हैं.’
इस बीच, कांग्रेस ने गुरुवार को विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की और सोनिया गांधी को ईडी के सम्मन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, ‘ईडी को उनके सवालों के जवाब लेने के लिए उनके आवास पर जाना चाहिए था.’ उन्होंने कहा कि ऐसा उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है.
संसद में विरोध
राहुल गांधी से पहले पूछताछ का जिक्र करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि कभी किसी ने किसी नेता से लगातार पांच दिन और लंबे समय तक पूछताछ नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया, ‘उनका उद्देश्य मनोबल गिराना और समस्याएं पैदा करना है.’ विभिन्न विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों के ‘शरारती’ दुरुपयोग के माध्यम से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाने का आरोप लगाया. ED द्वारा सोनिया गांधी की पूछताछ से पहले, 13 राजनीतिक दलों के नेताओं ने संसद भवन में मुलाकात की और कार्रवाई की निंदा की.