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IAS Awanish Sharan : एक IAS की मार्कशीट को देख 10वीं फेल छात्रों को मिली प्रेरणा

एक IAS की मार्कशीट को देख 10वीं फेल छात्रों को मिली प्रेरणा | नंबर गेम से CBSE के छात्रों को बाहर निकलने का मिल गया रास्ता…

IAS Awanish Sharan : एक IAS की  मार्कशीट को देख 10वीं फेल छात्रों को मिली प्रेरणा | Bureacracy Live

नंबर हैं कम… फेल हो गए… डरना नहीं… लड़ना है… आप में है दम
एक IAS ने 10वीं-12वीं के छात्रों से कही थी ऐसी बात… जिसने सुना उसने ही कहा… थैंक्यू सर
IAS कह रहे नहीं करना गम !,,, CBSE एग्जाम में फेल हो गए बच्चों के नाम IAS की एक चिट्ठी !

सीबीएसई ने 12वीं के परिणाम सबके सामने हैं… एग्जाम में करीब 17 लाख छात्र बैठे थे… जिसमें 87.33 फीसदी छात्र पास हुए… लेकिन कुछ छात्र ऐसे रहे है… जो अपनी उम्मीदों पर उतर नहीं पाए…. फेल हो गए… करीब करीब 2 लाख 10 हजार बच्चे पास नहीं हो पाए… अब ऐसे ही छात्रों को मोटिवेट करने के लिए एक IAS ने जब अपना मार्कशीट दिखाया तो जिसने भी देखा… वो हैरान हो गए… उन्होंने साक्ष्य पेश किए… उससे ऐसा लगा कि अगर आपके नंबर कम आए हैं या आप फेल हो गए हैं तो निराश बिल्कुल मत होइए…

वैसे जब भी एग्जाम के नतीजे जब आते हैं तो उसे देखने से पहले धड़कनें बढ़ गईं होती हैं… ये हमारे साथ भी हुआ… आपके साथ भी हुआ होगा… आज के बच्चों के साथ भी हुआ है… कोई मेधावी छात्र हो या पढ़ाई-लिखाई में औसत… कितने नंबर आएंगे। अगर औसत स्टूडेंट है तो पास होंगे या फेल… सीबीएसई ने 12वीं के नतीजे घोषित किए… 87.33 प्रतिशत स्टूडेंट पास हुए… 12.67 प्रतिशत बच्चे पास नहीं हो पाए… संख्या में कहें तो करीब 2 लाख 10 हजार बच्चे…
ये सही है कि जो बच्चे फेल हुए हैं… उनके लिए ये झटके जैसा है… लेकिन क्या यही कामयाबी का आखिरी परिणाम है… बड़ो ने कहा है कि आगे बढ़ने के लिए, लगातार बढ़ने के लिए बड़ी से बड़ी उपलब्धि पर भी संतुष्ट होकर नहीं रुका जाता… बेहतर करने की भूख होनी चाहिए… तो बेहतर क्या है… क्या एग्जाम में ‘अच्छे नंबर’ होना ही कामयाबी की गारंटी है?… नंबर से किसी की काबिलियत को भांपने में तो मदद मिल सकती है लेकिन ये काबिलियत और कामयाबी का पैमाना नहीं है… बड़े बुजुर्गों ने कहा है… आपकी पहचान एग्जाम में आए नंबरों से नहीं होती है… तमाम बोर्ड्स के रिजल्ट निकलते हैं… अखबारों में टॉपरों की खबरें छपती हैं, तस्वीरें छपती हैं। लेकिन कितने टॉपरों के नाम याद हैं? शायद, नहीं याद होंगे।

ऐसा थोड़े होता है… परीक्षा में अगर ज्यादा नंबर आए तो उसका मतलब कामयाबी है… कम नंबर आए… तो उसका नाकामी है… ये हम यूं नहीं कह रहे हैं… जिंदगी में अब जो कामयाब है… जो कभी नाकामयाब रहा उन्हीं में से एक ने छात्रों को बताया… हालांकि वो पिछले साल दसवीं के बच्चों को बताया था…आईएएस अफसर अवनीश शरण ने अपनी दसवीं की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर की थी… दसवीं में वह थर्ड डिविजन से पास हुए थे…इसलिए नंबर को हद से ज्यादा तवज्जो देना छोड़िए…इसी पर एक यूजर ने लिखा

वाह आपने चरितार्थ किया है कि एक टुकड़ा नही तय कर सकता आपका भविष्य

तो दूसरे यूजर ने लिखा

नंबर आदमी है आप भले 1 नंबर से सेकेंड डिविजन नहीं आ पाए लेकिन शायद वही 1 नंबर आप आज 1 नंबर का आदमी बना दिया

एक और यूजर ने लिखा…

सर यह रिजल्ट कार्ड उनलोगों के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है जो लोग कम नंबर लाने वाले को डिमोरलाइज किया करते हैं। गांव मे खासकर लोग ज्ञान देने मे बहुत आगे रहते हैं।

साफ है जो बच्चे फेल हुए उन्हें फिर से उठना चाहिए… एक प्रयास फिर से करना चाहिए…. और ज्यादा क्षमता के साथ कीजिए… कोशिश करते रहिए… कुछ भी असंभव नहीं… आईएएस अफसर अंजू शर्मा को ही देख लीजिए। 10वीं में फेल हुईं… बारहवीं में फेल हुईं… लेकिन सिर्फ 22 साल की उम्र में, पहले ही प्रयास में यूपीपीएससी क्रैक कर लीं… तो छात्रों को हमेशा याद रखना चाहिए…ये एग्जाम है, जिंदगी नहीं… ये महज मार्क्स हैं, जिंदगी के मकसद नहीं…

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