भारत में जब से कोरोना महामारी ने एंट्री मारी है तब से सबका ध्यान इस पर ही है । केंद्र से लेकर अलग अलग राज्यों की सरकारों की कोशिश है कि किसी तरह इसपर लगाम लगाया जाए । बिहार भी उन राज्यों में से एक है । लेकिन इस राज्य की सरकार एक मामले में अन्य राज्यों से अलग है । यहां की सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सजग है ।

खबर है कि जिन श्रमिकों को क्वरंटाइन सेंटर में रखा गया है उन्हें विदाई के दौरान आदर सत्कार के साथ एक ऐसा तोहफा दे रही है जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है । अब नीतीश कुमार सरकार ने इन श्रमिकों को क्वरंटाइन सेंटर से विदाई के दिन एक नया तोहफ़ा देना शुरू कर दिया है । नीतीश सरकार की ओर से श्रमिकों को पैकेट कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का पैकेट दिया जा रहा है।

इस कदम के पीछे बिहार राज्य हेल्थ सोसायिटी का मानना है कि पूरे देश में बिहार का प्रजनन दर एक चिंता का विषय बना हुआ है जो देश में सर्वाधिक है । उन्होंने कहा, हम लोगों का अपना विश्लेषण है कि ये श्रमिक जो साल में होली, दिपावली या छठ के समय आते हैं उसके नौ महीने के बाद सरकारी अस्पतालों में प्रसव का दर काफ़ी बढ़ जाता है।

सरकार के निर्देश के अनुसार अब वहां कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का पैकेट देकर मजदूरों को विदा किया जा रहा है. हालांकि इस संबंध में जब फ़ोटो और कुछ वीडियो सामने आए तो आप सरकार की जमकर आलोचना भी हो रही है । क्योंकि पत्रकारों के सवाल के जवाब में अधिकांश श्रमिक यही कहते हैं कि उन्हें इन सबसे ज़्यादा पेट भरने के लिए और सर पर छत की ज़रूरत है. उस पर ध्यान देते तो उनके लिए ज़्यादा अच्छा होता।