Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

अगर काम किए होते तो ‘अब्बा, अब्बा’ चिल्लाना नहीं पड़ता : योगी के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर ओवैसी का तंज

विधानसभा चुनाव की आहट से ही यूपी में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के ‘अब्बा जान(Abba Jaan) वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. विपक्ष योगी के बयान की आलोचना कर रहा है. इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और यूपी में सियासी जमीन तलाशने की कोशिश में जुटे असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने योगी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया है. उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट करके मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता.

असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी के बयान पर अपने ट्वीट में कहा, “कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का ड्रॉपआउड सबसे ज़्यादा है. मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते. अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को 16,207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ 1602 लाख रुपये खर्च किया.”

Embedded video

उन्होंने आगे कहा, “2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले. “अब्बा” के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उत्तर प्रदेश से हैं.” 

AIMIM चीफ ने ग्रामीण स्वास्थ्य पर कहा, “ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13,944 सब-सेंटर्स की कमी है, 2,936 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की कमी है, 53 प्रतिशत CHC की कमी है. केंद्र सरकार के मुताबिक़, बाबा-राज में यूपी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं. कुल 2277 डाक्टरों की कमी है. अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता.”

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा. सीएम योगी ने कहा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. क्या 2017 से पहले सभी को राशन मिलता था? ‘अब्बा जान’ कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे.’

Exit mobile version