उत्तराखंड में कई दिनों से जारी सियासी उठापटक आखिरकार पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने के साथ ही खत्म हो गई…..उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सीएम का चेहरा बदल गया है. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. बीते साढ़े चार साल में बीजेपी ने तीसरी बार सीएम का चेहरा बदला है…तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम पर सबकी नजर टिक गई थीं.तीन-चार नाम लगातार चर्चा में बने हुए थे, लेकिन इन सबको पीछे करते हुए बीजेपी आलाकमान और विधायकों ने पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया.
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की खटीमा सीट से लगातार दो बार जीत हासिल की. साल 2012 से 2017 तक वे विधायक रहे और फिर 2017 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली। वहीं, साल 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक एबीवीपी में विभिन्न पदों पर भी काम किया…पुष्कर के नाम पर मुहर लगने के बाद उन्होंने कहा कि ‘पूर्व सैनिक के बेटे को मौका दिया. पार्टी हाईकमान का मान रखूंगा सभी का सहयोग लेकर चलूंगा. चुनौती को स्वीकार करता हूं. जनता के हित के लिए काम करेंगे. भारतीय जनता पार्टी को आगे बढ़ाएंगे.’ खटीमा विधानसभा सीट से दो बार से विधायक धामी प्रदेश में काफी युवा चेहरा हैं. उन्हें RSS का भी काफी करीबी माना जाता रहा है.पुष्कर धामी का जन्म गांव टुण्डी, पिथौरागढ़ में हुआ था. उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबंध में पीजी और एलएलबी की शिक्षा पूर्ण की है.सैनिक पुत्र होने के नाते पुष्कर सिंह धामी ने बचपन में ही ये फैसला कर लिया था कि वो ऐसे क्षेत्र में काम करेंगे, जिसमें सेवा भाव और देशभक्ति का पक्ष हो. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्होंने सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की.
16 सितंबर 1975 को जन्म लेने वाले पुष्कर सिंह धामी ने साल 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई अहम पदों पर रहकर काम किया…जैसे-जैसे धामी का कदम बढ़ता गया, उनके इरादे और मजबूत होते गए. ABVP के बाद वो भाजपा से जुड़ गए… पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2002 में पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में कार्य किया…2002 से 2008 तक पूरे प्रदेश का भ्रमण किया…बीते साढ़े चार साल में बीजेपी ने उत्तराखंड में तीसरी बार सीएम बदला है…2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं…ऐसे वक्त में बीजेपी का ये फैसला कितना फायदा पहुंचाता है