संजय निषाद को काजल निषाद से सताया डर… ऐसा एहसास हुआ… 2024 में काजल कही कर ना दे खेला

कजाल निषाद की जनता के बीच बढ़ते कद से संजय निषाद हैरान… हो गए परेशान… कह दी नई बात

संजय निषाद की बात सुनकर काजल निषाद का विश्वास हाई… संजय के नहले पर काजल का दहला

  • राजनीति कि दुनिया में किसी नेता की राजनीति में कितना दम है… उसे जानना है… तो समझना होगा… अब देखिए सपा नेता काजल निषाद गोरखपुर से मेयर पद का चुनाव हार चुकी है… लेकिन निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की जुबा पर है… तो सिर्फ काजल की बात…. काजल मुंबई में जन्मी है… उसके माता-पिता कच्छ गुजरात से हैं और मुंबई में बसे हुए हैं… । काजल निषाद भोजपुरी फिल्म निर्माता संजय निषाद से शादी की है… जो गोरखपुर जिले के भाऊपार गांव से हैं… काजल निषाद अब यूपी की राजनीति में खुद को सेट कर लिया है… वो धीरे धीरे निषाद समाज के लिए परफेक्ट च्वाइस बनती जा रही है… लगता है… संजय निषाद ने इस बात को भांप लिया है… पूरी तरह से पहचान लिया… जान लिया… वक्त रहते अगर धारणा नहीं बनाई… काजल निषाद की सियासत पर ब्रेक नहीं लगाई… तो निषाद समाज के बीच उनकी पैठ कम होती जाएगी… और फिर उनके गठबंधन की बड़ी भागीदार बीजेपी कही उनसे परहेज ना करने लगे… ये हम क्यों कह रहे हैं… क्योंकि संजय निषाद ने काजल निषाद पर बात ही ऐसी कही है…. लेकिन जो धारणा काजल निषाद के खिलाफ संजय निषाद ने बनाने का प्रयास किया… उसपर काजल ने करारा प्रहार किया…काजल ने संजय निषाद को क्या जवाब दिया… उसपर आएंगे… उससे पहले जानिए संजय निषाद ने काजल निषाद के खिलाफ क्या कहा….
  • दरअसल उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में कैबिनेट मंत्री डॉक्ट संजय निषाद ने गोरखपुर नगर निगम चुनाव में सपा की प्रत्याशी काजल निषाद की जाति पर सवाल उठा दिया है… उन्होंने कहा कि
  • वो वास्तव में काजल निषाद नहीं हैं बल्कि सिर्फ चुनाव के समय निषाद लिखकर वोट मांगने की कोशिश की गई है… सिर्फ नाम के आगे निषाद लिख लेने से कोई निषाद नहीं हो जाता…निषाद वो होता है, जिसने निषाद कुल में जन्म लिया हो
  • अब संजय निषाद, काजल निषाद को निषाद समाज से बाहर का बताने का प्रयास कर रहे हैं… लोगों को ऐहसास कराने की कोशिश कर रहे हैं… काजल तो निषाद समाज से है ही नहीं… ऐसी बात एक राजनेता तब कहते हैं… जब उन्हें ऐसा लगने लगता है… उनके विरोधी की राजनीति चमक रही है… दमक रही है… आने वाले वक्त में उससे नुकसान हो सकता है… इसलिए उन्हें रोकने के लिए नेता ऐसी बात कह देते हैं… धारणा बनाने का प्रयास करने लगते हैं….
  • गोरखपुर में पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संजय निषाद ने कहा कि काजल निषाद ने सिर्फ चुनाव के समय नाम के आगे ‘निषाद’ लिखकर वोट मांगने का प्रयास किया है…लेकिन अब काजल निषाद ने भी संजय निषाद के इस वार पर पलटवार किया है… एक करारा जवाब दिया है…
  • वो नहीं जानते हमारी संस्कृति क्या है…. बेटियां शादी के बाद ससुराल की हो जाती हैं…. वही उसका परिवार है…. ताउम्र बेटियां ससुराल में रहती हैं… डोली मायके से उठती है लेकिन अर्थी ससुराल से उठती है, क्या उन्हें नहीं पता..
  • काजल निषाद कहती हैं… वो कुछ भी कहें, उसे मान नहीं लिया जाएगा… वही थे जो कह रहे थे, राम खीर खाकर पैदा नहीं हुए… कुछ और करके पैदा हुए… ये किसको कहा, भगवान श्रीराम को. बीजेपी वाले अगर राम की माताजी पर भी लांछन लगाएं, तब भी उन्हें बुरा नहीं लगता है क्योंकि वहां सब दूध के धुले हैं… अब काजल निषाद के इस पलटवार पर फिर से संजय निषाद शाद ही वार कर पाए… एक तरह से संजय निषाद ने जिस तरह से काजल निषाद के खिलाफ धारणा बनाने की कोशिश की… उसे उन्होंने ध्वस्त करके रख दिया…