प्रयागराज के उमेश पाल हत्या की पूरी प्लानिंग बरेली सेंट्रल जेल में हुई। जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ वॉट्सऐप कॉल के जरिए पूरा मर्डर ऑपरेशन डील करता रहा। जेल में सिपाही से लेकर अधिकारी तक इसमें शामिल निकले। बिना आईडी पर अशरफ से गुर्गे जेल के VIP स्पेस में मिलते रहे। इसके बाद 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और 2 सिपाहियों का मर्डर किया जाता है।
ये तस्वीर बरेली जेल की बताई जा रही हैं। इसमें अरशद पुलिस कस्टडी में पान खाता हुआ दिख रहा है। ये तस्वीर कितनी पुरानी है, इसकी जांच बरेली पुलिस कर रही है।
इस मामले की शुरुआत 1 जनवरी 2019 से हुई, जब अतीक को देवरिया जेल से बरेली सेंट्रल जेल में प्रशासनिक आधार पर लाया गया। 19 अप्रैल 2019 को फिर प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज के नैनी जेल भेज दिया गया। अतीक का भाई खालिद असीम उर्फ अशरफ 11 जुलाई 2020 को नैनी जेल से बरेली सेंट्रल जेल लाया गया, जो मौजूदा वक्त में बरेली जेल में बंद है।
हत्या से 13 दिन पहले शूटर मिले, फिर हत्याकांड अंजाम दिया
अशरफ का साला सद्दाम अपने साथी लल्लागद्दी और अन्य साथियों को लेकर बरेली जेल में अशरफ से लगातार मुलाकात करता रहा। 11 फरवरी को बरेली जेल में अतीक के बेटे असद समेत 9 लोग बरेली जेल में अशरफ से मिले। इनमें शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम भी शामिल था।
इसके 13 दिन बाद 24 फरवरी को प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में उमेश पाल की हत्या कर दी। इसमें दो सिपाही भी मार दिए गए। जब SOG ने मर्डर केस की जांच शुरू की, तो शूटर समेत बदमाशों के तार बरेली जेल में बंद अशरफ से जुड़े। सामने आया कि बरेली जेल से वॉट्सऐप कॉल की गई, प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी के मोबाइल नंबर से इसकी पुष्टि हुई।
DM-DIG सीसीटीवी देखकर हैरान, अफसर निलंबित
पुलिस ने 13 मार्च को सिपाही मनोज और सफरुदीन को गिरफ्तार कर लिया।
27 फरवरी को बरेली जेल में DM शिवाकांत द्विवेदी और DIG अखिलेश चौरसिया ने छापा मारा, तो पता चला कि अशरफ से अवैध तरह से मुलाकात होती रही है। 6 मार्च को बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अशरफ, जेल अधिकारी, जेल कर्मचारी, सिपाही, सद्दाम ओर अन्य पर केस दर्ज हुआ।
7 मार्च को बरेली पुलिस ने जेल के सिपाही शिवहरि और कैंटीन में सामान पहुंचाने वाले दयाराम को अरेस्ट किया। इसके बाद 10 मार्च को बरेली पुलिस ने अवैध तरह से मिलने पर राशिद और फुरकान को अरेस्ट किया। 13 मार्च को शासन ने बरेली जेल के जेलर, डिप्टी जेलर समेत 5 को निलंबित किया। पीलीभीत जेल का सिपाही मनोज गोड़ भी अरेस्ट किया गया। मनोज तीन माह पहले बरेली जेल से पीलीभीत जेल ट्रांसफर हुआ था।
अशरफ जेल में अफसर और कर्मचारियों को देता था तोहफे
अशरफ का साथ देने के लिए 7 मार्च को सिपाही शिव हरि और कैंटीन में सामान सप्लायर दयाराम को गिरफ्तार किया गया।
हत्याकांड में पता चला कि जब भी अतीक के गुर्गे जेल में अशरफ से मिलते थे तो कोई रोकता नहीं था। उनकी मुलाकात VIP स्पेस में होती थी। 6 मार्च को बरेली के बिथरी थाने में जेल चौकी इंचार्ज एफआईआर में कहा गया कि अशरफ ने विभिन्न पुलिस अधिकारियों, गवाहों और उमेश की हत्या की योजना बनाई। सद्दाम और लल्लागिद्दी के साथ मिलकर ये प्लानिंग हुई। जेल के CCTV फुटेज इसके गवाह हैं। जेल में अशरफ से मिलने पर आने के लिए सद्दाम और अन्य लोग जेल के कर्मचारी और अधिकारियों को महंगे तोहफे और रुपए देता था।
अब आपको ये भी बताते हैं कि किस अफसर पर क्या आरोप लगा है…
10 मार्च को फुरकान और राशिद को भी गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में अफसरों की मिलीभगत के खुलासे हुए हैं।
- जेलर राजीव मिश्रा को शासन ने निलंबित किया। आरोप हैं कि उसको सब कुछ पता था। उसके बाद भी उच्च अधिकारियों को नहीं बताया। सीसीटीवी फुटेज और सिपाहियों के बयान में जेलर की भूमिका संदिग्ध मिली।
- डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप निलंबित हैं। आरोप है कि डिप्टी जेलर के इशारे पर अशरफ से मुलाकात होती थी, यह बात अरेस्ट सिपाही मनोज गौड़ और शिव हरि अवस्थी से पूछताछ में पता चली।
- सिपाही शिव हरि अवस्थी, सिपाही मनोज गोड़ और जेल वार्डन निलंबित हैं। यह सभी बिना पर्ची और आईडी के अशरफ से अतीक के गुर्गों को मिलवाते थे। 3 माह पहले मनोज सिपाही को बरेली जेल से पीलीभीत जेल भेजा गया। उसको गिरफ्तार किया जा चुका है।
अब आपको अशरफ के खौफ के बारे में भी बताते हैं…
उमेश हत्याकांड में आरोपी अशरफ; कोर्ट में अर्जी लगाई कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही रिमांड करा लें
बरेली में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को डर लगने लगा है। उमेश पाल मर्डर केस में आरोपित अशरफ सुरक्षा के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रिमांड कराने की मांग कोर्ट से की है। उसकी ओर से इस बात की अर्जी उसके वकील ने कोर्ट में दी है। इस अर्जी पर ट्रिपल मर्डर के विवेचक से कोर्ट द्वारा 15 मार्च 2023 को आख्या मांगी गई है