मिर्ज़ापुर: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लॉक डाउन का पालन कर रहे लोग अब अपने ही लोगों के दुश्मन बन गए हैं। गाँव में बाहर से आने वाले लोगो का गांव के लोग ही विरोध कर रहे हैं। कई जगहों पर तो ग्रामीणों ने बाहर से आने अपने ही गांव के लोगों के लिए रास्ता बंद कर दिया है। गाँव वालों ने गांव के रास्तो पर बैरियर भी लगा दिया है। बाहर से पलायन कर आ रहे लोगों को गांव में घुसने से पहले गांव के बाहर सचिवालय और विद्यालय में आइसोलेशन में रखा जा रहा है। 14 दिन आइसोलेट रह कर कोरोना की आशंका से मुक्त होने के बाद ही बाहर से आए लोग गाँव मे अपने घरों में जा सकेंगे।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हर कोई जागरूक हो रहा है। मिर्ज़ापुर में अदलहाट थाना क्षेत्र के रजौली गांव में गांव वालों ने कोरोना से बचाव के लिए पूरे गांव के रास्ते पर बैरियर लगा कर बंद कर दिया है।गाँव के अंदर आने वाले सभी रास्ते पिछले दो दिनों से बंद है। यह रास्ता गाँव मे दिल्ली जैसी कोरोना प्रभावित जगह से आने वाले लोगो के लिए बंद किया गया है। जो इन दिनों बाहर से गांव में पहुच रहे है, इन लोगो के लिए गाँव के अंदर घुसने पर पाबंदी है। इनकी रहने की व्यवस्था गाँव के बाहर स्थित सचिवालय और प्राइमरी स्कूल में की गई है।यहां पर 14 दिन का समय बिताने के बाद कोरोना की आशंका से मुक्त होने के बाद ही उनको गाँव मे प्रवेश करने की इजाजत है। ग्रामीणों का कहना है कि बाहर से आने वाले ऐसे लोग के लिये रहने खाने की पूरी सहूलियत दी जाएगी। मगर उन्हें गांव में घुसने की अनुमति नही होगी ताकि गांव के अन्य लोगों को सुरक्षित रखा जा सके और कोरोना संक्रमण की चेन को रोका जा सके।

ग्रामीण
ग्रामीण