लखनऊ की बाल्दा कॉलोनी निवासी मधु गुप्ता शुक्रवार को दो बेटों के साथ फातिमा अस्पताल के पास ट्रेन (निरीक्षण यान) के सामने कूद गई। मधु और ढाई साल के अमिश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ साल के आन्य ने कुछ देर बाद ट्रॉमा सेंटर में दम तोड़ दिया। पुलिस की शुरुआती पड़ताल में पारिवारिक कलह में खुदकुशी की बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक मूलरूप से गाजीपुर के रेवतीपुर के शशि भूषण गुप्ता लखनऊ में महानगर की बाल्दा कॉलोनी में रहते हैं। उनकी पत्नी मधु (36) ने सुबह साढे़ सात बजे सीएमएस महानगर में कक्षा तीन में पढ़ने वाले बड़े बेटे आन्य को स्कूल के लिए तैयार किया और उसे व छोटे बेटे अमिश को गोद में लेकर पैदल ही निकल गई। वह करीब एक किमी दूर फातिमा अस्पताल के पास रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंची और वहां से निकल रहे तीन डिब्बों के निरीक्षण यान के इंजन के सामने बच्चों को लेकर कूद गई। 

पति से पूछताछ करती पुलिस

यह देख लोगों ने शोर मचाया तो लोको पायलट ने ट्रेन रोकी। तब तक मधु और अमिश की मौत हो चुकी थी। इस बीच मौके पर पहुंचे डॉ. दिनेश यादव गंभीर रूप से घायल आन्य को अपनी बाइक पर लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। 

suicide case in lucknow

हालांकि, इलाज के दौरान कुछ देर बाद उसने भी दम तोड़ दिया। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक मधु ने अपना मोबाइल, पर्स व आन्य का बैग घर ही छोड़ दिया था। शशि भूषण को 10.30 बजे हादसे की सूचना मिली। 

मृतक का फाइल फोटो

पति-पत्नी में एक महीने से नहीं बन रही थी 
प्रभारी निरीक्षक महानगर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक शशि भूषण सुबह करीब छह बजे पीजीआई गया था। उसे रिश्तेदार का नंबर लगवाना था। पूछताछ में उसने बताया कि करीब 7.30 बजे उसे घर से सूचना मिली कि उसकी मां शकुंतला को कमरे में बंद कर मधु बच्चों के साथ कहीं चली गई। 

मृतक बच्चे का फाइल फोटो

उसने बताया कि पत्नी से एक महीने से नहीं बन रही है। वह घर पर खाना भी नहीं खा रहा था। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक मुंबई में रहने वाले मधु के भाई सत्य प्रकाश को सूचना दे दी गई है। उसने शशि भूषण पर मधु को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। 

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ढाई साल से बेरोजगार है शशि भूषण
शशि भूषण ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2013 में हुई थी। वह गुरुग्राम की निजी कंपनी में काम करता था। ढाई साल पहले कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई। इसके बाद से उसे कोई नौकरी नहीं मिली। उसके पिता सूचना विभाग में कर्मचारी थे। 

जांच करते अधिकारी

उनकी मौत के बाद मां को 18 हजार रुपये पेंशन मिलती है, जिससे घर चलता है। बेरोजगारी और आय का स्रोत न होने के कारण उसकी अक्सर पत्नी से कहासुनी होती थी। मधु की सास से भी नहीं बनती थी। दोनों में अक्सर विवाद होता था। इस दौरान मां का पक्ष लेने पर शशि व मधु में मनमुटाव हो गया था।