सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने विरोधियों को सबूत दे दिया… अब तक केपी मौर्य से लेकर ओमप्रकाश राजभर जिस एक बात को पकड़ कर बैठे हैं… अखिलेश ने अपने एक फैसले से उन सबका मुंह बंद करके रख दिया… जो भी जिसने भी चाचा-भतीजे के मौजूदा रिश्ते पर सवाल उठाया… उन सबको अखिलेश ने अपने इस फैसले से जवाब दे दिया… अब ना तो शिवपाल की मेहनत पर तंज कस पाएंगे…. ना ही कह पाएंगे… चाचा की हैसियत सपा में कुछ है ही नहीं… अब कभी नहीं कह पाएंगे… अखिलेश के लिए शिवपाल की सियासत कुछ है ही नहीं… अब अखिलेश के विरोधी नहीं कह पाएंगे… अखिलेश अपने चाचा शिवपाल यादव का इस्तेमाल कर रहे हैं… क्योंकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की राजनीति को सपा के लिए अहमियत समझते हुए एक बड़ा फैसला लिया है… एक बड़ा पद शिवपाल यादव के लिए तैयार किया है… शिवपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय महासचिव पद पर बैठाया है…
कभी सपा में वर्चस्व की जंग को लेकर चाचा-भतीजों में रार बहुत बढ़ गई थी… जिसके बाद शिवपाल ने सपा छोड़कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी…. हालांकि मुलायम सिंह के देहांत के बाद कुनबा फिर एकजुट हो गया और अब शिवपाल यादव और अखिलेश यादव गिले-शिकवे भुलाकर साथ आ चुके हैं… शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय सपा में कर चुके हैं…. इसके बाद से चर्चा थी कि शिवपाल यादव को अखिलेश पार्टी में अहम जिम्मेदारी देंगे… हुआ भी ऐसा ही…. फिलहाल सपा 2024 की तैयारियों में जुटी है और हर वर्ग के वोट को साधने का प्लान बना रही है…. इसी को देखते शिवपाल की सियासी अनुभव को सलाम करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया है… शिवपाल से ज्यादा उनके समर्थकों के लिए ये खुशी का पल है…
इसके साथ ही सपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर 2024 के लिए अपने इरादे को भी जता दिया… कि सपा को अखिलेश सपा को देश के सियासी पटल पर कहा देखना चाहते हैं…. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तैयारियां शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं और कार्यकर्ताओं को काफी समय से इसका इंतजार था…इस लिस्ट के सामने आने से सबसे ज्यादा खुशी शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों को हुई है… कार्यकारिणी में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है… किरनमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिला है… प्रो. रामगोपाल यादव राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव चुने गए हैं…वहीं इस लिस्ट के सबसे अहम नामों में शामिल शिवपाल सिंह यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है… स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों रामचरितमानस विवादित बयान को लेकर काफी चर्चा में हैं…वहीं शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। आजम खान को भी सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है…
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिवपाल यादव का नाम सबसे बड़ा माना जा रहा है… अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल में यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान बड़ा विवाद हुआ था… विवाद इतना बड़ा था कि दोनों सपा चुनाव चिह्न के लिए कोर्ट तक पहुंच गए। इसके बाद दोनों के बीच काफी दूरी आ गई थी… तब शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी एक नई पार्टी बना ली थी… 2022 विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल से अखिलेश और शिवपाल के बीच गठबंधन हुआ, लेकिन विवाद साफ नजर आता रहा… शिवपाल यादव इस बात से नाराज थे कि भतीजे अखिलेश ने उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं दी… वहीं जब हाल में लोकसभा उपचुनाव हुए तब अखिलेश पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से जीताने के लिए शिवपाल के घर तक पहुंच गए… डिंपल की जीत में शिवपाल यादव का सबसे बड़ा हाथ रहा… इसके बाद शिवपाल यादव 5 साल में पहली बार सपा कार्यालय पहुंचे… तभी से चर्चा थी कि अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को पार्टी में बड़ा पद देंगे…29 जनवरी को जारी लिस्ट में ये बात भी सही साबित हुई… शिवपाल याद को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया…