Mayawati के साथ अब क्यों नहीं दिखाई देते Satish Chandra Mishra ! | सतीश चंद्र मिश्रा से मायावती ने क्यों बनाई दूरी !
क्या मायावती और सतीश चंद्र मिश्र की टूट गई जोड़ी?
साये की तरह मायावती के साथ नजर आने वाले सतीश चंद्र मिश्र आखिर हैं कहां?
राजनीतिक गलियारों में सतीश चंद्र मिश्र को लेकर हो रही हैं कई तरह की चर्चाएं
कर्नाटक चुनाव से लेकर यूपी के निकाय चुनाव तक गायब हैं सतीश चंद्र मिश्र
सतीश चंद्र मिश्र…यूपी की राजनीति का वो नाम जो हमेशा साये की तरह बीएसपी सुप्रीमो मायावती के इर्दगिर्द नजर आता था…जब भी किसी अखबार में मायावती की फोटो छपती तो सतीश चंद्र मिश्र आसपास ही नजर आ जाते…लेकिन अब सबके मन में ये सवाल है कि आखिर चुनावी मौसम है लेकिन एक समय में मायावती के सबसे करीबी और बसपा में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कहीं नजर क्यों नहीं आ रहे….कर्नाटक में चुनाव प्रचार चल रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती भी वहां रैली कर चुकी हैं लेकिन फिर भी सतीश चंद्र मिश्र का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट तक में नहीं है, जबकि यूपी के दूसरे नेताओं का नाम उसमें शामिल है। इतना ही नहीं यूपी में चल रहे नगर निकाय चुनाव में भी वह कहीं नहीं दिख रहे यहां तक कि उन्होंने कोई चुनावी सभा नहीं की और न किसी अहम बैठक में शामिल हुए। अब राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि चुनावी सीजन में आखिर सतीश चंद्र मिश्र कहां गायब हैं?
दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही बसपा ने सभी सीटों पर जोर-शोर से नगर निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। बसपा प्रमुख मायावती खुद लगातार चुनावी तैयारियों की मॉनिटरिंग करती रहीं। महापौर के अलावा दूसरे प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी सभी जोन और जिलों के पदाधिकारियों को सौंपी गई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस दौरान भी सतीश चंद्र मिश्र बैठकों और पार्टी के अहम फैसलों से दूर ही रहे। आंबेडकर जयंती और बसपा प्रमुख मायावती के जन्मदिन जैसे खास मौकों पर वह मायावती के साथ दिखे। जब नगर निकाय चुनाव का ऐलान हुआ तो लगा कि शायद चुनाव प्रचार में वह दिखेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह प्रचार के दौरान कहीं नजर नहीं आए। प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने ही चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान प्रचार की कमान संभाली।
स्टार प्रचारकों की लिस्ट से सतीश मिश्र गायब
मौजूदा वक्त में कर्नाटक में जबरदस्त तरीके से चुनाव प्रचार चल रहा है…वहां बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और बेंगलुरु में एक रैली को भी संबोधित किया। चुनाव से पहले चर्चा ये थी कि सतीश चंद्र मिश्र वहां जाएंगे लेकिन जब स्टार प्रचारकों की लिस्ट आई तो उनका नाम ही नहीं था। जबकि मायावती, उनके भतीजे और राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद के अलावा यूपी से अशोक सिद्धार्थ, दिनेश गौतम और नितिन सिंह स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। इससे पहले यूपी में रामपुर और आजमगढ़ में हुए उप चुनाव में भी सतीश चंद्र मिश्र का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं था।
मायावती के साथ भी नहीं दिखे
ऐसा शायद ही कभी हुआ हो कि मायावती किसी चुनाव में वोट डालने निकली हों और उनके सबसे भरोसेमंद साथी सतीश चंद्र मिश्र उनके साथ नहीं दिखे हों लेकिन इस बार के निकाय चुनाव में मायावती वोट डालने निकलीं तो भी सतीशचंद्र मिश्र कहीं नजर नहीं आए…चर्चा तो यहां तक है कि इस बार सतीश मिश्र ने अपना वोट भी नहीं डाला हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि अस्वस्थ होने के कारण वह वोट डालने नहीं जा पाए थे।
बता दें कि सतीश चंद्र मिश्र की इस दूरी की इतनी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि वे मायावती के मुश्किल समय के साथी हैं। वह पहली बार 2002 में भाजपा के सहयोग से बनी बसपा सरकार में एडवोकेट जनरल बने। इसके बाद 2003 में सरकार गिर गई लेकिन सतीश चंद्र मिश्र की मायावती से करीबी बढ़ती गई। वह मायावती को मुकदमों में सलाह देने के साथ ही पार्टी में रणनीतिकार बन गए। जब 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो सतीश चंद्र मिश्र का कद और बढ़ गया। इस जीत का श्रेय सतीश चंद्र मिश्र की सोशल इंजीनियरिंग को गया। हालांकि 2012 में पार्टी को हार मिली लेकिन सतीश मिश्र मायावती के खास सलाहकार बने रहे। विधानसभा चुनाव 2022 में भी उसी सोशल इंजीनियरिंग को दोहराने की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्र को दी गई लेकिन सफलता नहीं मिली। बसपा इस चुनाव में मात्र एक सीट पर सिमट गई। इसके बाद से ही मायावती से सतीश चंद्र मिश्र की दूरी चर्चाओं की शुरुआत हो गई थी। खास मौकों पर ये चर्चाएं और तेज हो जाती हैं…जैसे अभी ये चर्चाएं खूब हो रही हैं और शायद तब तक होंगी जब तक सतीश चंद्र मिश्र मायावती के साथ कहीं दिख नहीं जाते…आपको हमारी ये खबर कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं साथ राजनीति से जुड़ी हर खबर के लिए हमारा चैनल सब्सक्राइब कर लें…शुक्रिया