मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की भरपूर कोशिश है जनता के बीच उनकी छवि इस तरह से बने कि कोई उनकी सरकार के किए कार्यों की ईमानदारी पर सवाल उठा ना सके । इसके लिए सीएम योगी वक्त वक्त पर खुद औचक निरीक्षण और कार्यों के गुणवक्ता की जांच परख करते आए है । कुल मिलाकर कहिए योगी सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हर रोज नए एक्शन ले रही है । ऐसे में मंत्री स्वाति सिंह के विभाग में 38 करोड़ के टेंडर में बड़े हेरफेर का मामला सामने आया है । स्वाति सिंह वहीं हैं जिनके जिम्मे के पहले के विभाग में भी भ्रष्टाचार की कई जांचे चल रही है । अब मामला बाल विकास पुष्टाहार विभाग का है ।
दरअसल नई स्कूल नीति के तहत बाल विकास पुष्टाहार विभाग सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में तब्दील कर रहा है । यह तब्दीली बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से लाई जा रही है । प्रदेश के भविष्य के लिए फर्नीचर की खरीद के लिए हर जिले को 50 लाख का ग्रांट केंद्र सरकार ने दिया गया है जिसकी मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही है।
लेकिन सालों से इस विभाग में तैनात निदेशक शत्रुघ्न सिंह की ओर से बड़ा खेल खेला जा रहा है । कहा जा रहा है कि निजी कंपनी सुप्रीम फर्नीचर को टेंडर दिलाने के लिए उन्होंने सारी कंपनी को पहले ही बिड प्रक्रिया से डिसक्वालिफाई कर 19 जिलों में सिर्फ सुप्रीम फर्नीचर को ही टेंडर देते जा रहे हैं । अब जबकि मामला सामने आया है तो बेसिक शिक्षा विभाग ने इससे पल्ला झाड़ लिया ।