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Mulayam Singh Yadav को मिलेगा Padma Vibhushan, Akhilesh Yadav करेंगे स्वीकार

In this video, we’ll talk about the Padma Vibhushan, which was recently awarded to Mulayam Singh Yadav. As the former Chief Minister of Uttar Pradesh, Mulayam Singh Yadav has many accomplishments to his name. Among these are his work in the field of agriculture, and his work in fostering the development of the state of Uttar Pradesh. He has also been credited with helping to revive the fortunes of the Samajwadi Party, and he has served as the party’s president since 2010. Akhilesh Yadav, Mulayam Singh Yadav’s son, is also a politician. He has served as the Chief Minister of Uttar Pradesh since 2012, and he is Mulayam Singh Yadav को मिलेगा सम्मान…समाजवादियों के लिए बड़ी शान ! सियासत के पहलवान को मिलेगा पद्म विभूषण…जिसने जीता है हर रण ! लोहिया के शेर को सबसे बड़ा रिस्पेक्ट…विरोधियों की बंद हो गई रिएक्ट ! अखिलेश स्वीकार करेंगे नेताजी का सम्मान…उस शख्सियत पर थे सब मेहरबान !

Mulayam Singh Yadav  को मिलेगा Padma Vibhushan, Akhilesh Yadav करेंगे स्वीकार | The Rajneeti

मुलायम सिंह यादव को मिलेगा सम्मान…समाजवादियों के लिए बड़ी शान !
सियासत के पहलवान को मिलेगा पद्म विभूषण…जिसने जीता है हर रण !
लोहिया के शेर को सबसे बड़ा रिस्पेक्ट…विरोधियों की बंद हो गई रिएक्ट !
अखिलेश स्वीकार करेंगे नेताजी का सम्मान…उस शख्सियत पर थे सब मेहरबान !

आज हम यूपी की सियासत के उस पहलवान से रूबरू कराने वाले हैं जिसकी कहानियां इतिहासों में लिखी जाएंगी…जिसकी रोचक सियासत आज भी लोगों की जुबान पर हैं….उनके चाहने वाले उन्हें धरती पुत्र, नेताजी, बाबूजी जैसे कई नामों से बुलाते थे…देश के असाधारण राजनेता के रूप में उन्होंंने अलग पहचान बनाई… सैफई उनके नाम से चर्चा में रहता….देखते ही देखते 28 साल की उम्र में विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ने वाला वो लड़का सियासत के मैदान का पहलवान बन गया….सियासत के दंगल में उसने ऐसे पैर गड़ाए कि फिर विरोधी नतमस्तक हो गए….यह कहानी है मुलायम सिंह यादव की…जिन्हें अब वो सम्मान मिलने वाला है जिसके वो भागीदार थे..जिसके वो हिस्सेदार भी थे…मुलायम सिंहं यादव इस दुनिया में तो नहीं हैं लेकिन ये सम्मान कहीं न कहीं उनकी आत्मा के लिए ही सही लेकिन किसी अनोखी मिसाल से कम नहीं होगा…क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद्म विभूषण देने जा रही हैं….हालांकि इस पद्म विभूषण को उनके बेटे और यूपी की सियासत में अपने पिता की तरह विरोधियों को चित करने वाले अखिलेश यादव स्वीकार करेंगे….इसके लिए वो खुद दिल्ली जाएंगे…मुलायम सिंह यादव जितना ज्यादा सियासत में माहिर थे…उससे कहीं ज्यादा लोहिया के पथ पर भी चलने वाले थे…इसी वजह से आज उनके नाम की चर्चा होती रहती है….मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण का सम्मान समाजवाद और समाजवादियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है…समाजवाद में तोहफों की बारिश अगर हुई है तो ये पहली बार होने जा रहा है जब मुलायम सिंह यादव और उनके नेता को जो इस दुुनिया को अलविदा कह चुके हैं उनको पद्म विभूषण का सम्मान मिलने वाला है….इस मौैके को समाजवादी लोग इतिहास के पन्नों में लिखेंगे…और बताएंगे कि..उनके नेताजी किस तरह से इस सम्मान के हकदार बने और इसी पथ पर अखिलेश यादव भी चलने को ठान चुके हैं….

क्या है पद्म विभूषण ?

इस सम्मान का हकदार वही होता है जो अपनी जिंदगी में बहुत खास योगदान किया होता है….इसके लिए बहुत कम लोगों का ही चुनाव हो पाता है…क्योंकि ये सम्मान जिसे मिलता है…उसका तो सिर ऊंचा होता ही है लेकिन परिवार को भी हौसला और ताकत देता है….पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है…जो देश के लिये असैनिक क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है…यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है….. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी….. भारत रत्‍न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है…अब इस सम्मान को मुलायम सिंह यादव को दिया जाएगा..क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी में कई ऐसे काम किए हैं…जो आज भी अमर है….जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है…मुलायम सिंह यादव तो अब इस दुनिया में भले नहीं हैं..लेकिन उनकी बच्ची इच्छाओं को पूरा करने के लिए अखिलेश यादव ने वचन लेिया है….और खुद इस सम्मान को लेने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले हैं….

वो सफर जिसने नेताजी को दिलाया सम्मान

मुलायम सिंह यादन 1967 से लेकर 1996 तक 8 बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा के लिए चुने गए….एक बार 1982 से 87 तक विधान परिषद के सदस्य भी रहे….1996 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और विजयी हुए….. इसके बाद से अब तक 7 बार लोकसभा में पहुंचे….निधन के वक्त भी वह लोकसभा सदस्य थे…. 1977 में वह पहली बार यूपी में मंत्री बने थे…..तब उन्हें कोऑपरेटिव और पशुपालन विभाग दिया गया….. 1980 में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला….. 1985-87 में उत्तर प्रदेश में जनता दल के अध्यक्ष रहे…..पहली बार 1989 में यूपी के मुख्यमंत्री बने….1993-95 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने…और यहां तक की केंद्र की देवगौड़ा सरकार में रक्षा मंत्री की कमान संभाली…और पाकिस्तान को धूल चटाई…अब इस सफर में यादगार पल देने के बाद सम्मान के हकदार तो बनेंगे ही.,.,.,

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