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उत्‍तर प्रदेश चुनाव में आया रेड लाइट-ग्रीन लाइट का ‘खेल’, अमित शाह ने समझाया इसका मतलब

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) को लेकर विभिन्‍न दलों के नेताओं ने जनता को अपनी-अपनी पार्टी की तरफ आकर्षित करने के लिए चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. हर पार्टी के स्टार प्रचार उत्तर प्रदेश में घूम-घूम कर एक- दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. इसके अलावा चुनावी वादे भी कर रहे हैं. इसी क्रम में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता अमित शाह ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने बदायूं जिले के सहसवान विधानसभा क्षेत्र में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सपा-बसपा के ‘बुआ-भतीजा’ राज में उत्‍तर प्रदेश माफिया का केंद्र बना गया था. अब माफिया केवल 3 स्थानों पर मौजूद हैं. माफिया या तो यूपी से बाहर हैं या‍ फिर बदायूं जेल में या फिर सपा उम्मीदवार के रूप में. साथ ही भाजपा के वरिष्‍ठ नेता ने ‘रेल लाइट-ग्रीन लाइट खेल’ का मतलब भी समझाया.

अमित शाह ने कहा कि क्या किसी ने मुलायम सिंह यादव के साथ आजम खान और मुख्तार अंसारी को पिछले 3 साल में देखा है? इस दौरान अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव रेड लाइट-ग्रीन लाइट का खेल खेलेंगे. वह (सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष) विकास को लाल बत्ती और माफियाओं को हरी बत्ती दिखाएंगे. ऐसे लोगों से जनता को सावधान रहने की जरूरत है.विज्ञापन

 पूरी गर्मी शांत करवा देंगे
वहीं, कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला था और बगैर नाम लिए सपा-रालोद गठबंधन (SP-RLD Alliance) को ‘सड़ा-गला’ माल बताया. यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन पर हमला बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार में आने का उनका यह सपना कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होने वाला है. 10 मार्च के बाद ये पूरी गर्मी शांत करवा देंगे.

उन्हें जेलों में बंद किया जा रहा था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र कर कहा था कि 2013 में जब मुजफ्फरनगर का दंगा हुआ था, सचिन और गौरव नाम के दो जाट युवकों की निर्मम हत्या हुई थी, तब लखनऊ वाला लड़का सत्ता में था और हत्या करवा रहा था. हत्यारों को प्रश्रय दे रहा था, दंगाईओं को लखनऊ में बुलाकर उनका सम्मान कर रहा था और भाजपा का कार्यकर्ता जो दंगाईओं के खिलाफ आवाज उठा रहा था, झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेलों में बंद किया जा रहा था.

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