हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी की मुश्किल बढ़ती दिख रही है. यूपी में सपना चौधरी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है और कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश दे दिए हैं. दरअसल, लखनऊ की एसीजेएम कोर्ट ने मशहूर डांसर सपना चौधरी के खिलाफ एक डांस कार्यक्रम रद्द करने और टिकट धारकों को पैसे नहीं लौटाने के मामले में सोमवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया.

दरअसल, सपना चौधरी को सुनवाई के लिए सोमवार को हाजिर होना था लेकिन चौधरी अदालत में हाजिर नही हुईं और न ही उनकी ओर से कोई अर्जी दी गई. इस पर अदालत ने कडा रुख अपनाते हुए सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शांतनु त्यागी ने सुनवाई की अगली तारीख 30 सितंबर तय की है. नवंबर 2021 में भी इसी अदालत द्वारा मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था जिसके बाद सपना चौधरी ने अदालत में हाजिर होकर अपनी जमानत करा ली थी.विज्ञापन

उप निरीक्षक फिरोज खान ने 14 अक्टूबर 2018 को शहर के आशियाना थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी. सूत्रों के मुताबिक, सपना चौधरी ने 2018 में एक इवेंट में परफॉर्म नहीं किया था, जिसके लिए उन्हें आयोजकों ने एडवांस में पैसे दिए थे. आयोजकों ने मामले को अदालत में घसीटा और अब डांसर सपना को जल्द ही लखनऊ की एसीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा. घटना 13 अक्टूबर 2018 की है.

2021 में भी लगा था धोखाधड़ी का आरोप
यह पहली बार नहीं है जब सपना पर धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाया गया है. फरवरी 2021 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सपना चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया था. सपना का मैनेजमेंट करने वाली एक सेलिब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी ने उनके और उनकी मां और भाई सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी के लिए शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था.

एफआईआर में क्या कहा गया है
प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि लोकप्रिय हरियाणवी सिंगर सपना चौधरी ने एक कलाकार प्रबंधन समझौता तोड़ा, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि वह किसी अन्य कंपनी के साथ काम नहीं करेगी और न ही किसी अन्य कंपनी में शामिल होंगी, और न ही किसी ग्राहक के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क होगा. प्राथमिकी में कहा गया है कि सपना ने समझौते का उल्लंघन किया और अनुबंध की शर्तों के खिलाफ व्यावसायिक गतिविधियां कीं.