सोशल मीडिया पर ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की राजनीति के बारे में एक चर्चा खुब चल रही है… यादव समाज से वास्ता रखने वाले लोग कह रहे है… चाचा कि बुद्धि देर से ही सही खुली तो जरूर… राजभर ने एक ऐसा कदम उठाया…जिसकी उम्मीद उनसे नहीं थी… लोग मान कर चल रहे थे… ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) यादव समाज से अपना बैर हमेशा के लिए रखेंगे… लेकिन अचानक से सुभासभा अध्यक्ष का ह्रदय परिवर्तन हो गया…अचानक से उन्होंने वो रास्ता अपनाया… जो रास्ता सीएम योगी ने अभी अपनाया है…
अखिलेश से लेकर शिवपाल सब कह चुके सीएम योगी तो ये जरूर करना चाहिए… अब सीएम योगी ने तो ऐसा किया नहीं… सुभसापा अध्यक्ष ओपी राजभर ने ऐसा करके दिखा दिया… सबको हैरानी हो रही है…आखिर जिन यादवों के बारे में तंज कसते हुए ओपी राजभर करते हैं… कि अहीरों की बुद्धि तो 12 बजे खुलती है… उन्हीं यादव समाज से वास्ता रखने वाले प्रेम यादव के परिवार से मिलने के लिए सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर क्यों गए…. असल वजह सुनेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे… लेकिन इस दृश्य को भी देख लीजिए…ये दृश्य जो दिल को दुखाने वाली है… रुलाने वाली है… तड़पाने वाली है… परेशान करने वाली है…. देवरिया में जो हुआ… दो परिवारों को जिस दौर से गुजरना पड़ रहा है… उसमें किसी एक को इग्नोर नहीं किया जा सकता है… यही बात सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कह रहे हैं…यही बात शिवपाल यादव कह रहे हैं… पता नहीं क्यों बीजेपी को ऐसा नहीं लगता है… लेकिन बीजेपी की सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को ऐसा लगता है…
राजभर कह रहे हैं…देवरिया की घटना को जाति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए… लेकिन बीजेपी के विधायक शलभमणि त्रिपाठी इसे जाति के चश्में से देख रहे हैं… तो क्या कहा जाए… वैसे सवाल तो अहम है कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बुद्धि में इतना बड़ा परिवर्तन कैसे आया… क्या ओपी राजभर को ऐसा महसूस हो गया कि अहीरों की बुद्धि को इग्नोर करना उनकी राजनीति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है… लगता तो ऐसा ही है… इस बार ओपी राजभर बहकी बहकी बातें नहीं कर रहे हैं…सुलझी हुई बातों के साथ पेश हो रहे हैं… सुलझी हुई बातों के साथ अपनी राजनीति को धार दे रहे हैं… उस समाज के बीच आने की राजभर ने ताकत दिखाई जिस समाज के लोगों घोसी के रण के दौरान से लेकर बड़ा ही बुरा भला कहा… तो क्या माना जाए घोसी ने ओपी राजभर की राजनीति को ये संदेश दे दिया… अहीरों से पंगा लेने के बजाय उन्हें उनका दिल जीतना चाहिए…