राजभर के राजनीतिक तेवर के बदले सुर… जिसने भी देखा उसने यही कही बात… ये कैसे हो गया ?
सबने कही ओपी राजभर से एक ही बात… बोलिए माननीय… कुछ तो बोलिए… इस पर अब आपका क्या मत है ?
सियासी दुनिया में बोलने वाले नेताओं की जमात में शामिल है राजभर… अब क्यों कह रहे हैं… मैं ना बोलूंगा
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की राजनीति के साथ कुछ तो ऐसा हुआ… जो नहीं होना चाहिए था… लगता है वो हो गया है… बदले बदले से नजर आ रहे हैं… जो शब्द पहले इस्तेमाल किया करते थे… अब शब्द अचानक से ना जाने कहा गायब हो गए हैं… ये हम यूं ही नहीं कह रहे हैं… बल्कि ओमप्रकाश राजभर ने खुद ऐसा संकेत दिया है… खुद ऐसी बात इस अंदाज में कही है जिसने उसने यही कहा… राजभर इतने बदले बदले से नजर क्यों आ रहे हैं… राजभर ने एक बयान दिया… बयान योगी मंत्रिमंडल में अपने लिए कुर्सी का इंतजाम से जुड़ा था… अमूमन ओपी राजभर कुर्सी वाले मुद्दे पर एक ही बात कहते नजर आए हैं… कि कुर्सी तो मिलेगी… जरूर मिलेगी… लेकिन अबकी बार सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जो कहा… जिससे लगा कि अब तक मंत्री बनने की हसरत पाले ओम प्रकाश राजभर के सुर ठंडे पड़ गए हैं… घोसी उपचुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार की चर्चा जोर शोर से चल रही थी… माना जा रहा था कि एनडीए गठबंधन का हिस्सा बने सुभासपा प्रमुख को भी योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जा सकता है, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की करारी शिकस्त के बाद कैबिनेट विस्तार टल गया… अब कहा जा रहा है कि नवरात्र में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है…
खुद के मंत्री बनाए जाने की चर्चा पर ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) बयानबाजी से बचते हुए नजर आ रहे हैं… एक चौंकाने वाला बयान दिया… जो ओपी राजभर के स्वभाव के विपरीत है… बिलकुल ही जुदा जुदा सा है… ऐसी उम्मीद शायद ही किसी ने अबतक की होगी… कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ऐसा बयान देंगे… लेकिन राजभर ने ऐसा बयान तो दिया है… सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि… मीडिया में चर्चा चल रही है… ओम प्रकाश राजभर को आधिकारिक खबर का इंतजार है…मंत्रीपद मिलने की आधिकारिक पुष्टि होने के बाद मीडिया को बयान दिया जाएगा…
तो सुना आपने ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) को अब मंत्रीपद मिलने की आधिकारिक खबर का इंतजार है… यानी कि सीएम योगी की ओर से ऐलान का इंतजार है… जिसके बाद ही अब ओपी राजभर मंत्री पद को लेकर कुछ कहेंगे… तो ऐसा क्या हुआ… कि राजभर की राजनीतिक प्रकृति में इतना बदलाव हुआ… किसकी ओर से ये संकेत मिले हैं… कि जबतक मंत्री पद नहीं मिल जाता है… तबतक मुंह बंद करके रखिए… कुछ भी मत बोलिए… कही ऐसा तो नहीं है कि राजभर को ये ऐहसास हो गया कि सीएम योगी उनकी ओर से यूं ही खुद को मंत्री बताने से नाराज हैं…राजनीति है… राजनीति की प्रकृति अनिश्चित होती है… यहां कुछ भी हो सकता है… वही घोसी उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी नेता दारा सिंह चौहान का शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात का सिलसिला जारी है… उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी. मंत्रिमंडल विस्तार में देरी की वजह घोसी उपचुनाव के बाद बदला हुआ समीकरण माना जा रहा है….बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी कील कांटों को दुरुस्त कर लेना चाहती है…. निगम और आयोग में कार्यकर्ताओं को बिठाने की रणनीति पर चर्चा चल रही है… घोसी उपचुनाव का नतीजा आने के बाद ओम प्रकाश राजभर से मंत्री बनने का सवाल लगातार पूछा जा रहा है…पिछले दिनों पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बड़ा बयान दिया था… ओम प्रकाश राजभर का कहना था कि एनडीए के मालिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं. मंत्री बनाए जाने का फैसला बीजेपी आलाकमान करेगा…