Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

वाराणसी मॉडल पर अखिलेश ने कसा तंज, CM योगी के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहें हैं अधिकारी

लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशान दिहाड़ी मजदूर है । सूबे में अब सीधे भोजन बांटने पर रोक है अब इससे कोरोना संकट से तो बचा जा सकता है, लेकिन भूख का क्या कीजिएगा । सीधे भोजन बांटने पर लगी रोक के कारण पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कई क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे लोगों तक भोजन या उसके दाने नहीं पहुंच पा रहे हैं। लहरतारा की कांशीराम आवासी कॉलोनी में रहने वाले गरीबों ने थाली पीटकर खाली पेट का हाल बताया।

वह भोजन का इंतजार कर रहे थे लेकिन दोपहर एक बजे तक भोजन नहीं मिलने पर वह अपने घरों से बाहर निकल आए। एक साथ थाली पीटकर विरोध जताया। आंखों में आंसू, कोरोना का खौफ और दो वक्त की रोटी का इंतजार लिए 30 साल की रेखा सुपाड़ी काट कर अपना जीवन चलाती हैं लेकिन इन दिनों उनका काम ठप है। उन्हें दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए हैं।

कई परिवारों का यहीं हाल जब आम हुआ तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की राजनीति फ्रंट पर आ गई । उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अंदाज में योगी सरकार को निशाने पर ले लिया ।

कोरोनाकाल में सपा के कार्यकर्ताओं द्वारा राशन वितरण व जनता की सहायता करने पर उन पर भाजपा सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज किया जाना अमानवीय और निंदनीय है ।कम्प्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से हालात नहीं सुधरेंगे, सत्ताधारियों को सड़क पर उतरकर सपा की तरह सीधी सेवा करनी होगी

बहरहाल लॉकडाउन के कारण वाराणसी में गरीबों की हालत लगातार बिगड़ रही है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें एक टाइम का भी भोजन नसीब नहीं हो रहा है। कुछ लोगों को एक टाइम का मिल भी रहा है तो किसी तरह पेट भर पा रहा है। पहले कई स्वयंसेवी संस्थाएं भोजन पहुंचाती रहीं लेकिन जिला प्रशासन की रोक के बाद स्थिति बिगड़ गई है। प्रशासन ने अब पुलिस थानों और चौकियों की मदद से ही खाना बांटने की इजाजत दी है। साथ ही खाना बांटने से पहले अधिकारियों से अनुमति भी अनिवार्य कर दी गई है। इससे लोगों को लॉकडाउन में भोजन के लिए भी तरसना पड़ रहा है। ये एक लंबी प्रक्रिया है, जिसकी वजह से लोगों की भूख रो रही है ।

Exit mobile version