सीएए को लेकर यूपी विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार जारी है। विधानसभा में उस वक्त अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई। जब नेता सपा विधायक मुंह पर मास्क लगाकर सदन के अंदर दाखिल हुए। जहां वो विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी मास्क लगाकर बैठे नजर आए। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से अपील की।

उन्होंने कहा कि मुंह पर पट्टी न बांधे अगर वह बोलना चाहे तो बोले। मैं आग्रह करता हूं नेता प्रतिपक्ष बोलें। उसी दौरान नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने हाथों से इशारा कर कहा कि आप ही बोले मैं नहीं बोलूंगा। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने रामगोविंद चौधरी की चुटकी लेते हुए कहा कि नेता विरोधी दल और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कोई फिल्म बनेगी तो बड़ी हिट होगी क्योंकि वह उनके मित्र हैं और अगर नेता विरोधी दल कहे तो मैं उनके लिए भी एक कमेटी बना सकता हूं ।


संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सुरेश खन्ना ने सीएए में किसी भारतीय का नुकसान न होने का दावा करने हुए चौधरी को खुली चुनौती दी कि इससे किसी भी भारतीय को हानि सिद्ध कर दें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा वरना आप इस्तीफा दे देना। चौधरी ने खन्ना की चुनौती स्वीकारने के बजाए सीएए विरोधी आंदोलन में पुलिस द्वारा पीड़ितों को समाजवादी सरकार आने पर पेंशन दिलाने की बात कह कर माहौल गर्मा दिया।


आपको बता दें कि विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद माहौल उस समय बिगड़ा जब बजट पर वित्त और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना की ओर से दिए उत्तर पर विपक्ष प्रतिक्रिया दे रहा था। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि वित्त मंत्री उनके सवालों का सीधा जवाब नहीं दे पाए तो खन्ना ने तंज किया कि कोई नेता विरोधी दल के कानों में से रुई निकाल दे क्योंकि सही बात इनको सुनवाई नहीं देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को विकास से सरोकार नहीं है। सीएए के विरोधियों को उकसा कर समाज बांटने का काम किया जा रहा है। सीएए विरोधियों को पेंशन देने की बात करते हैं।


इस पर बिगड़े रामगोंविद चौधरी ने कहा कि आपातकाल में जेल जाने की पेंशन तो आप भी पा रहे है, मैं भी पा रहा हूं। संविधान ने अपनी बात कहने का हक सभी को दिया है। अब कोई समस्या रख रहा है तो परेशानी किस बात की है? सपा की सरकार में पीड़ितों को पेंशन दिलाएंगे। चौधरी के जवाब से बिफरे खन्ना ने कहा कि हम लुटिया चोरी में जेल नहीं गए। लोकतंत्र की रक्षा के आंदोलन में शामिल थे उसे सीएए विरोध से जोड़ना उचित नहीं है।

खन्ना यहीं नहीं ठहरें, उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर सपा, कांग्रेस जनता को गुमराह कर समाज तोड़ने में लगी है। सीएए के किसी भी भारतीय का नुकसान नहीं हो रहा। आप सिद्ध कर दें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा वरना आप दे देना। उन्होंने सपा पर अराजकता फैलाने का आरोप भी लगाया। उधर नेता प्रतिपक्ष ने सीएए में मुस्लिमों को शामिल नहीं करने पर एतराज जताया।