कांग्रेस नेता राहुल गांधी कभी कभी अपनी ही बात या कहे लगाए आरोपों की जाल में फंस जाते हैं । वो किसी जगह कुछ बोलते हैं तो किसी और जगह कुछ अलग ही बयान दे देते हैं । अब देखिए ना लोकसभा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर 50 बड़े बैंक लोन डिफॉल्टर को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया ।

संसद से बाहर जैसे ही राहुल आए । उनका बयान तो वही था लेकिन बैंक लोन डिफॉल्टर्स के आंकड़े 10 गुणा बढ़ गया । तो मानिए सरकार पर आरोप लगाने के चक्कर में राहुल गांधी खुद ही आंकड़ों में उलझ गए और उन्होंने संसद के बाहर सदन में दिए अपने भाषण से अलग बयान दे दिया । राहुल गांधी ने कहा कि-

हर सदस्य का अधिकार सरकार से सवाल पूछना है, जब आप सवाल पूछते हैं तो मंत्री उसका जवाब देना दायित्व हैं जिसके बाद आप कोई और सवाल पूछ सकते हैं, कई बार आप को एक और सवाल पूछने की अनुमति मिलती है। आज मैंने एक सवाल पूछा लेकिन मंत्री ने उसका जवाब नहीं दिया, मैंने पूछा कि भारत में सबसे बड़े 500 डिफॉल्टर्स कौन हैं ? मंत्री ने मेरे इस सवाल का जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी, कांग्रेस नेता

यही नहीं राहुल ने एक बार फिर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार क्यों इस 500 डिफॉल्टर्स के नाम बताने से डर रही है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है 500 लोग जिन्होंने देश का पैसा चुराया है. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह इन लोगों पर कार्रवाई करेंगे तो फिर क्यों सरकार इन 500 लोगों के नाम नहीं बता रही है ।

आपको बता दें राहुल गांधी को प्रश्नकाल में अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दी गई जिस पर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसके विरोध में आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी की । इसके बाद कांग्रेस सदस्य इसके विरोध में सदन से वाकआउट कर गए .