Rampur की स्वार सीट पर उपचुनाव क्यों नहीं लड़ रही BJP ? देखिए…अखिलेश यादव के सामने कैसे टेक दिए बीजेपी ने घुटने…

अखिलेश का पैंतरा..बीजेपी की रणनीति फेल…चुनाव से पहले खेल !
रामपुर की स्वार पर अटकी सांस..लड़ाई से पहले ही बीजेपी रही कांप !
अब्दुल्ला आजम की विधायकी गई…बीजेपी के पास प्रत्याशी भी नहीं !
अखिलेश यादव का मिशन कामयाब…टारगेट सेट…जीत होगी लाजवाब !

बीजेपी की राजनीति इतिहास में पहली बार ऐसा होगा.,.,जब किसी चुनाव में बीजेपी ने अपने पैर पीछे खींचें हों…लेकिन अब ऐसा होता दिख रहा है…अखिलेश यादव की राह खुद बीजेपी आसान करने पर तुली है…चुनाव से पहले ही अपने प्रत्याशी को उतारने से बीजेपी ने मना कर दिया है..एक तरफ निकाय चुनाव की जंग जारी है तो दूसरी तरफ जारी है रामपुर की स्वार सीट पर सियासी लड़ाई….लेकिन इस जंग की शुरुआत से पहले ही लगता है बीजेपी ने अपने हथियार डाल दिए हैं..आजम का गढ़ रामपुर में सियासी घटनाक्रम पिछले कुछ सालों में बदला है…लेकिन फिर भी बीजेपी को भरोसा नहीं है कि..वो किसी तरह से पार्टी की नीति को आगे बढ़ा पाएगी…शायद इसिलिए रामपुर की स्वार सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी की रणनीति फेल होते दिख रही है…सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी बीजेपी के पैर पीछे खींचने पर खुश होंगे…क्योंकि बना लड़े जो हार जाए उसमे मजा तो नहीं है लेकिन ये किसी सजा से कम नहीं है…

ठीक ऐसा ही हो रहा है यूपी की सियासत में…क्योंकि आज की तारीख में सपा की रणनीति फेल नहीं हो रही लेकिन बीजेपी की नीति काम भी नहीं कर रही…ऐसे में स्वार सीट पर जहां लोग सोच रहे थे..फिर से एक बार मुकाबला देखने को मिलेगा….ऐसा नहीं हुआ..क्योंकि बीजेपी ने अपने पैर जंग में उतरने से पहले ही पीछे खींच लिए हैं,…ये अखिलेश यादव की कूटनिती है या फिर बीजेपी का कोई पैंतरा फिलहाल इसका रिजल्ट आना तो बाकी है…लेकिन उससे पहले अगर ऐसा कुछ हो सकता है मतलब चुनाव में कुछ भी हो सकता है….बीजेपी की नीति रही है कि..वो कि्सी भी कीमत पर सपा के कुुनबे में सेंध लगाएगी लेकिन अब स्वार सीट पर जब जंग होने जा रही है तो बीजेपी ने अखिलेश यादव की राह आसान क्यों कर दी…यूपी की सियासत में इस समय इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है..,.कि अखिलेश यादव की प्लानिंग से बीजेपी घबरा गई और अपने कदम को पीछे खींच लिया है…सपा की रणनीति को धार देने वाले अखिलेश यादव अब समझ गए हैं कि..बीजेपी को अगर सियासी दंगल में पटखनी देनी है तो क्या करना चाहिए,,

दरअसल सभी जानते हैं कि.आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी जाने के बाद रामपुर की स्वार सीट पर उपचुनाव होना है…उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां कहीं न कहीं प्लानिंग में जुटी है…लेकिन अबकी बार तो मामला कुछ अलग दिशा में चल पड़ा है….रामपुर की स्वार सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार नहीं उतारेगी….जैसे ही ये खबर यूपी की सियासत में आई…चारों ओर राजनीति गर्मा गई….क्योंकि इस सीट पर बीजेपी गठबंधन के सहयोगी अपना दल एस अपना उम्मीदवार उतारेगी….हालांकि ये फैसला 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह ही है…..इस चुनाव में भी उस सीट पर अपना दल ने ही उम्मीदवार उतारा था….लेकिन इस सीट पर अपना दल के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था….इस सीट पर सपा उम्मीदवार अब्दुल्ला आजम ने जीत दर्ज की थी…जिनकी विधायकी जाने के बाद फिर से उपचुनाव हो रहा है….रामपुर की स्वार विधानसभा सीट और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन हो रहा है….इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 अप्रैल तक नामांकन होगा……लेकिन इससे पहले बीजेपी के एक फैसले से अखिलेश यादव की राह आसान हो सकती है…..हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार का एलान नहीं किया है….