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Savita Pradhan Gaur | ये अफसर रोटियों को अंडरवीयर में छुपा लेती थी

वो अफसर जो पति से लेना चाहती थी बदला…सफल होने का दांव चला ! सविता प्रधान का बदलापुर…पति को किया कदमों में गिरने को मजबूर ! शादी के बाद भी बनी अफसर…ससुराल के सितम को कर दी बेडगर ! खाने को तरसी…मारपीट सहती रही…सविता की आंखों में आंसू बहती रही !

Savita Pradhan Gaur | ये अफसर रोटियों को अंडरवीयर में छुपा लेती थी | Bureaucracy Live

वो अफसर जो पति से लेना चाहती थी बदला…सफल होने का दांव चला !
सविता प्रधान का बदलापुर…पति को किया कदमों में गिरने को मजबूर !
शादी के बाद भी बनी अफसर…ससुराल के सितम को कर दी बेडगर !
खाने को तरसी…मारपीट सहती रही…सविता की आंखों में आंसू बहती रही !

2017 में एक फिल्म आई थी…शादी में जरुर आना…एक लड़की अफसर बनने के लिए शादी वाले दिन ही फेरे लेने से पहले भाग जाती है…लेकिन एक मिलती जुलती कहानी आई है…मध्य प्रदेश की…पति से बदला और हिसाब बराबर करने के लिए शादी के बाद भी अफसर बनने को ठानी…पति की पिटाई और दो बच्चों की जिम्मेदारी निभाने वाली सविता प्रधान की जिंदगी के मुश्किल समय और फिर अफसर बनने का सफर बहुत की अलग है…अगले एक मिनट तक सविता की जिंदगी के किस्से सुनेंगे तो आपको बहुत दर्द होगा…ससुराल में हाल ऐसा था कि..वह डाइनिंग टेबल पर सबके साथ नहीं बैठ सकती थीं….खुलकर हंस नहीं सकती थीं….घर में सबसे आखिरी में खाने की हिदायत दी गई थी…अगर खाना खत्‍म हो जाए तो वह दोबारा नहीं बना सकती थी….मार खाने और गाली-गलौज के डर से वह रोटियों को अंडरगारमेंट में छुपा लेती थीं….फिर बाथरूम जाकर बीच में खा लेती थी…ससुराल वालों का इतना दर्द झेल चुकी मध्य प्रदेश की तेजरर्रार अफसर सविता प्रधान की कहानी ही कुछ ऐसी है…जो भी सुनेगा दिल पसीज जाएगा…पुराने जमाने के तौर तरीकों को ढालने या फिर कहें तो थोपने से ससुराल वालों ने कोई कमी नहीं की…ससुरालों वालों के अत्याचार से परेशान सविता के पास कोई विकल्प नहीं निकल रहा था…कि आखिर कैसे रास्ते से निकला जाए…समय पर समय बितता जा रहा था…लेकिन सविता की राह मुश्किलों से भरती जा रही थी…आदिवासी परिवार में जन्मी सविता प्रधान की जिंदगी मुसीबतों से भरी थी…ससुराल वालों के सितम को झेल झेलकर सविता के दुख पक चुके थे…और फिर सविता प्रधान ने सुसाइड का मन बनाया….बार बार सुसाइड की कोशिश भी की…लेकिन नहीं कर सकी..ऐसा सिलसिला चलता जा रहा था…इस बीच समय गुजरता गया और सविता 2 बच्चों की मां बन चुकी थी..लेकिन फिर भी ना तो पति साथ दे रहा था…और न ही ससुरालों का कोई सदस्य..मायके वाले भी पति के साथ ही रहने का दवाब बना रहे थे…जैसा आज भी गांवों में होता रहता है…फिर सविता ने मन बनाया और ठान ली कि ससुराल वालों को जवाब काबिल होकर देना है…और यहीं से ससुराल छोड़ निकल पड़ती है अपने मंजिल की ओर,…

जब अफसर बन पति को सिखाई सबक

अब दौर बदल चुका था…सविता भी अफसर बन चुकी थी..उम्मीद थी कि…दोबारा से पति आएगा तो शायद नौकरी देखकर बदल जाए…,लेकिन जब पति लौटा तो…हालात और बिगड़ चुके थे…सविता के साथ ऐसा कुछ हो गया..जिसका अंदाजा किसी को न था…रक्‍की देखकर उनका पति दोबारा उनकी जिंदगी में वापस लौट आया….लेकिन आदत से खराब पति की हालत वही थी.,..और फिर से पुराने रवैये पर आअ गया…. सविता को मारने पीटने लगा…कार खरीदने के लिए पैसे तक ले गया….सविता ने पहले तो अपने ऊपर हो रहे घरेलू अत्‍याचार को छुपाया…लेकिन एक दिन दुखी मन से इसके बारे में अपने सीनियर्स को बताया….सीनियर्स ने सविता का हौसला बढ़ाया…साथ ही यह भी कहा कि इस बार उनका पति वापस उनके पास आए तो वह उन्‍हें फोन करें….पति एक दिन फिर आया…सविता को पहले ही एहसास था कि वह उनके साथ मारपीट करेगा…जैसे ही उसने ऐसा किया सविता ने फोन लगाया… दो मिनट में घर में पुलिस आ गई…पुलिस ने जमकर पति की क्‍लास लगाई….अब तक जो कुछ उसने सविता के साथ किया था, पुलिस वालों ने सूद समेत उसे लौटाया…..सविता प्रधान की गिनती आज बेहद तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है….मध्‍य प्रदेश सरकार के लिए सिविल सर्वेंट के तौर पर उनके करियर की शुरुआत हुई थी… वह ग्‍वालियर संभाग में ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर हैं….बेहद गरीब परिवार से अफसर बनने तक का उनका सफर संघर्ष से भरा रहा है…सविता की पहली पोस्टिंग चीफ म्‍यूनिसिपल ऑफिसर के तौर पर हुई…तबाद में सविता का अपने पति से तलाक हो गया…वह अपने दो बेटों के साथ खुशी-खुशी जीवन बिताने लगीं…दोस्तों आपको ये स्टोरी कैसी लगी…क्या सविता ने पति से तलाक लेकर सही किया….कमेंट बॉक्स में हमें अपनी राय जरुर दें…

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