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बीजेपी का चुनाव से पहले सोशल इंजीनियरिंग के साथ विकास कार्यों को पूरा करने पर जोर

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग और विकास कार्यों का काशी मॉडल भी दिखाने की पूरी तैयारी कर ली है। जहां एक ओर बीजेपी गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव अनुसूचित जाति के लोगों के सम्मेलन करा रही है। वहीं, काशी में चल रहे 117 प्रोजेक्ट को पूरा करके जनता को समर्पित करने की भी तैयारी अंतिम चरण में है।

यूपी चुनाव से पहले वाराणसी और आसपास चल रहे हैं 117 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। साथ ही पीएम नरेंद मोदी (Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी नवंबर आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। चुनावों के ठीक पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का 70 फीसदी का पूरा कर लिया गया है। वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि 70 फीसदी विश्वनाथ धाम का काम पूरा हो चुका है। धाम की 24 बिल्डिंग में काम पूरा हो गया है। मंदिर चौक की अगर बात करें तो मंदिर चौक का काम 50 फीसदी से ऊपर पूरा हो गया है। फ्लोरिंग और टाइल्स लगाने का काम शुरू हो गया है। बरसात की वजह से घाट का काम बाधित हुआ था। गंगा के जलस्तर के नीचे जाने के बाद अब घाट के बचे हुए काम पूरे करने पर विशेष जोर है।

8800 करोड़ की परियोजनाएं तैयार

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि कुल 117 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट जिनकी कुल लागत 8800 करोड़ है। इनमें से मात्र 10 प्रोजेक्ट हैं। जिनमें कुछ और वक्त लग सकता है, अन्यथा करीब 107 परियोजनाएं अपने आखिरी चरण में हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के लगातार मॉनिटरिंग का असर है, जो दिसंबर तक 107 छोटी-बड़ी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।

रिंग रोड फेज-2 के पैकेज-2 का पूरा हिस्सा तैयार है। बस गंगा के ऊपर बनने वाला करीब डेढ़ किमी का पुल तैयार नहीं है। कज़्ज़कपुरा फ्लाईओवर और गेल के प्रोजेक्ट हैं, जो अधूरे रह जाएंगे। ये सभी परियोजनाएं अभी हाल में ही शुरू हुई हैं। रिंग रोड के फेज-2 का काम, जलनिगम के रमना एसटीपी, एनएच 29, और एनएच-233, वरुणा ब्रिज, फुलवरिया-लहरतारा फ्लाईओवर, पड़ाव से कैंट तक का सड़क मार्ग, शाही नाले का काम इस तरह के कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे।

ओबीसी और अनुसूचित जाति को सम्मेलनों के जरिये साधने की तैयारी

विकास कार्यों के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग पर भी बीजेपी ने खासा ध्यान दे रही है। गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों को अपने साथ एकजुट रखने के लिए बीजेपी ने जातिगत आधार पर सम्मेलनों पर जोर दिया है। शनिवार को अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लालपुर में हुई है। जेपी नड्डा वर्चुअली संबोधित करके विधिवत शुरुआत की है।

8 और 19 सितंबर दो दिवसीय बैठक के समापन में सीएम योगी के आने की सम्भावना है। वहीं, विश्वकर्मा, प्रजापति, मौर्या, पटेल, कुशवाहा जैसी बिरादरी के अलग-अलग सम्मेलन बीजेपी लगातार कर रही है। संविधान के सह निर्माता और कुम्हार जाति से आने वाले पद्मश्री डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा के नाम पर शिवपुर में एक द्वार का शिलान्यास किया, जबकि डॉ. रत्नप्पा का जन्म महाराष्ट्र के शिरोल तहसील के नीमशीरगांव में हुआ था, जो कुम्हार जाति से आते थे।

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