कोरोना संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील पर देश के लाखों करोड़ों लोगों ने अपने स्तर पर जो हो सका उसे प्रधानमंत्री केयर्स फंड में दान किया । सरकारी कर्मचारी-अधिकारी, सांसद, विधायक के वेतन में कटौती की गई । लेकिन जबकि कोरोना को देश में आए 50 दिन से ज्यादा हो गए तो बीजेपी MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने यूपी के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा । जो इस प्रकार से है-
कोरोना वायरस की जंग को सफलता पूर्व लड़ने के लिए सभी माननीय जनप्रतिनिधियों (सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य) ने अपने वेतन में 30 फीसदी की कटौती सहर्ष स्वीकृति प्रदान किया । राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में देश के प्रति और जनता के प्रति क्या नौकरशाहों की जवाबदेही नहीं है ? नौकरशाहों के मुखिया होने के कारण क्या आप अपने संगठन को राष्ट्रधर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे ?
ये पत्र विपक्ष की ओर से नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के MLC की ओर से यूपी के मुख्य सचिव को लिखा गया है । जिसको पढ़ने से लगता है कि यूपी में IAS अफसरों के वेतन में कटौती नहीं की गई है । अपने पत्र में बीजेपी MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य सचिव को अपने लोगों को राष्ट्रधर्म का पालन करने की नसीहत दी । कही ये नसीहत सीएम योगी के लिए भी तो नहीं है ?