Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

राजा भईया के गढ़ प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर होगी कई नेताओं की परीक्षा

pratapgarh lok sabha seat

एक सीट ऐसी है… जहां अनुप्रिया पटेल की जबरदस्त होने वाली है परीक्षा … पल्लवी बताएंगी सोनेलाल पटेल की असल वारिश तो वहीं है. केशव प्रसाद मौर्य बताएंगे सिराथू में भले ही हार गए… लेकिन उनकी राजनीति में बहुत ही जान है…स्वामी प्रसाद मौर्य दिखाएंगे अखिलेश के विश्वास की कसौटी पर वो कितने खड़े उतरे… ये सीट ही ऐसी है… जो कद्दावरों की परीक्षा लेने के लिए बेताब है

यूपी की ये एक सीट ऐसी है… जो पिछड़ी बिरादरी से आने वाले एक साथ कई नेताओं की परीक्षा लेने वाली है… बीजेपी की सहयोगी अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के लिए इस एक सीट को जीतना जरूरी है… अगर बीजेपी की ओर से ये सीट मिली तो उन्हें इस सीट को जीतकर दिखनी होगी… अगर बीजेपी ने सीट नहीं दी तो बिना इसके सहयोग के वो जीत नहीं सकती है… यही एक सीट है… जिससे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की राजनीतिक योग्यता की फिर परीक्षा होगी…तो इस सीट पर विपक्ष की ओर से पल्लवी पटेल को भी अपनी राजनीतिक ताकत को दिखाने का मौका मिलेगा… देखने वाली बात है… कि उनकी उपस्थिति से सपा को कितना फायदा मिलेगा… यही जिस स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से बोलने की आजादी का भरपूर वरदान मिला हुआ है… उन्हें ये साबित करना होगा…जिस विश्वास के साथ अखिलेश ने उन्हें अपनी राजनीति की सिर आंखों पर बैठाया है… वो वाकई में उसके काबिल है भी या नहीं… इस एक सीट पर कुंडा के राजा, राजा भैया की राजनीति को भी हलके में नहीं लिया जा सकता है… कहा जाता है… राजा भैया जिस उम्मीदवार को अपना आशीर्वाद दे देते हैं… उनकी जीत तय मानी जाती है… हालांकि अखिलेश की ओर से राजा भैया की राजनीति को रोकने के लिए उन्हीं के कभी खास रहे गुलशन यादव को प्रोजेक्ट किया गया है…

इस एक सीट से पिछड़े समाज के 4 नेताओं की होगी परीक्षा | The Rajneeti | Raja Bhaiya | Anupriya Patel

ये गुलशन यादव की कोशिशों का ही प्रभाव है कि इस वक्त राजा भैया का ध्यान कुंडा पर ही अटका हुआ है…जीहां 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में पिछड़ों को अपने पाले में कवायद शुरू हो गई है… कुर्मी बहुल माने जाने वाले प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र में ये कोशिश अब सार्वजनिक तौर पर दिखने लगी है… यहां एनडीए के सहयोगी अपना दल (एस) और मुख्य विपक्षी दल सपा ने कुर्मी वोटरों को लुभाने की कवायद तेज कर दी है… सपा ने यहां कुर्मी प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया है… इसके बाद 17 अक्टूबर को अपना दल सोनेलाल ने भी अपने संस्थापक और कुर्मियों के बड़े नेता रहे डॉक्टर सोनेलाल पटेल के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रतापगढ़ को चुना… ये पहला मौका है जब डॉक्टर सोनेलाल के परिनिर्वाण दिवस को मनाने के लिए प्रतापगढ़ को चुना गया… अब इस आयोजन के बाद सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं कि प्रतापगढ़ कुर्मी पॉलिटिक्स का गढ़ क्यों बन रहा है?


अपना दल सोनेलाल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति में 17 अक्टूबर को प्रतापगढ़ के जीआईसी मैदान में हुए कार्यक्रम के दौरान पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में कुर्मी शामिल हुए… अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रतापगढ़ में कार्यक्रम कर पार्टी एक बार फिर इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश करना चाहती है… 2019 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में गई थी… यहां से संगम लाल गुप्ता को सांसद चुना गया था… 2014 में बीजेपी से गठबंधन के बाद प्रतापगढ़ में अपना दल सोनेलाल का सांसद बना था… 2017 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने जिले में 2 सीटें जीतीं… हालांकि, 2019 लोकसभा चुनावों में ये सीट अपना दल सोनेलाल के हाथ से निकल गईं और भाजपा के प्रत्याशी जीते… सोनेलाल ने जब अपना दल का गठन किया था, तब भी पार्टी को पहला विधायक प्रतापगढ़ से ही मिला था…एक तरफ अपना दल प्रतापगढ़ में अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी दावेदारी पेश कर रही है, वहीं सपा भी प्रतापगढ़ से कुर्मी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है… चर्चा है कि सपा इस सीट से एसपी सिंह को उम्मीदवार बना सकती है… कॉलेज चलाने वाले एसपी सिंह पूर्व एमएलसी हैं और कुर्मी नेता है… ऐसे में सपा की नजर यादव, कर्मी और मुस्लिम वोटों पर हैं… ये तीनों मिलाकर प्रतापगढ़ में करीब 35 प्रतिशत वोट हैं…


स्थानीय स्तर चर्चा है कि सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में गैर-यादव ओबीसी वोटरों का भरोसा हासिल हुआ है…खासकर, मौर्य और पटेल बिरादरी का भरोसा पार्टी पर बढ़ा है… जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर सक्रियता ओबीसी के साथ दलित वोटों में भी पार्टी की पहुंच बढ़ा रही है… यहां पर कांग्रेस का भी वोट बेस है… ऐसे में अगर आगे गठबंधन होता है तो प्रतापगढ़ में सपा अहम दावेदार साबित होगी… हाल में सपा ने प्रतापगढ़ में ही कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे थे…


प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र में केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीति की क्यों परीक्षा होने वाली है… अब ये भी जान लीजिए… प्रतापगढ़ में कुर्मी वोटर किंग मेकर की भूमिका में हैं… आंकड़ों के मुताबिक प्रतापगढ़ में करीब 11% कुर्मी वोटर हैं। इसके अलावा करीब 16% ब्राह्मण और 8% क्षत्रिय वोटर हैं। 19% एससी-एसटी, 15% मुस्लिम और करीब 10 % यादव वोटर हैं


प्रतापगढ़ लोकसभा सीट के तहत आने वाली पांच विधानसभा सीटों में चार पर कुर्मी-मौर्य बिरादरी के विधायक हैं… इसमें दो सीटें सपा के पास है… यह इस सीट पर कुर्मी बिरादरी के सियासी असर को दिखाता है… रामपुर खास से आराधना मिश्रा कांग्रेस से विधायक हैं। 2009 में अपना दल के टिकट पर जब यहां अतीक अहमद ने उम्मीदवारी की थी तो एक लाख से ज्यादा वोट बटोरे थे… कुर्मी मतदाताओं की ज्यादा तादाद की वजह से यहां कुर्मी मतदाताओं पर हर दल भरोसा कर रहा है… यही वजह है कि सपा और एनडीए दोनों अपनी ताकत दिखाने में जुटी हुई हैं

Exit mobile version