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Tiger terror in Uttarakhand : तो इस तरह खत्म हुआ बाघ का आतंक

तो इस तरह खत्म हुआ बाघ का आतंक | देखिए…बाघ से लगे कर्फ्यू वाले शहर का हाल…

Tiger terror in Uttarakhand : तो इस तरह खत्म हुआ बाघ का आतंक | Uttarakhand News

अचानक बाघ के साथ क्या हो गया..वन विभाग कहां गया ?
आमदखोर बाघ का अंत…गांव वालों में राहत की उमंग !
पौड़ी में बाघ की दहशत…और इंतजार किया जाए कब तक ?

एक आदमखोर बाघ..जिसकी दहशत से लोग घरों में कैद हो जाते थे…जिसकी दहाड़ से दिन में भी लोग घरों से नहीं निकलते थे…लंबे समय से चली आ रही बाघ के आतंक रोकने की कवायद अब जाकर पूरी हो गई है…बाघ को कैसे पकड़ा जाए इसको लेकर मशक्कत किया गया..इस बीच कई बकरियां भी बाघ का निवाला बन गई…यहां तक की दो इंसानों को भी खा लिया….लेकिन उस बाघ की दहशत रुकने का नाम नहीं ले रही थी…फिर अचानक ऐसा हुआ कि..बाघ का आतंक ही खुद रुक गया…लेकिन इस बात से हर कोई हैरान था कि..आखिर जिस बाघ के आतंक के खात्मे के लिए लंबे समय से मांग चली आ रही थी…वो अचानक कैसे रुकी…लेकिन जब पता चला कि इस वजह से बाघ ने आना छोड़़ दिया तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली…क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि..एक बाघ के लिए पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी गई हो…ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक बाघ को रोकने के लिए पूरे शहर में छावनी में बदल दिया गया हो…लेकिन लंबे समय से जो डर था वो शायद खत्म हो गया…क्योंकि बाघ ने अपने आदमखोर कदम को दोबारा से उस इलााके में नहीं रख सकता…जहां से वो लोगों को निवाला बनाता था….सबसे पहले बताते हैं कि..बाघ के साथ क्या हुआ कि..,.वो अचानक आबादी वाले इलाकों में आना बंद कर दिया…सबसे पहले ये भी बताते हैं कि..बाघ को रोकने के लिए ऐसा क्या हुआ कि..लोग सकते में आ गए…कि उन्हें भी नहीं पता चला ऐसा हो सकता है…बाघ की दहशत को रोकने के इस फ़ॉर्मूले ने लोगों को राहत दे दी है….तो चलिए अगले एक मिनट में खुलासा करते हैं कि…बाघ के आतंक को कैसे रोक दिया गया..और वो बाघ जिससे पौड़ी के लोग डरे थे..अचानक घर से क्यों निकलने लगे….

बाघ की दहशत से गांव में खौफ

उत्तराखंड के पौड़ी के रिखणीखाल के डल्ला गांव में एक बुजुर्ग को निवाला बनाने वाले बाघों में से एक नर बाघ को जुईपापड़ी गांव से ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू कर लिया गया है….जिसे कार्बेट ले जाया गया है….क्षेत्र में दो और बाघों के सक्रिय होने के कारण वन विभाग और ट्रैंकुलाइज टीमें डटी हुई हैं….वहीं टिहरी में भी एक ग्रामीण की बकरियों को बाघ के निवाला बनाये जाने की बात सामने आ रही है…अभी पौड़ी में बाघ का खतरा बना हुआ है तो दूसरी ओर टिहरी में घनसाली में भी अब बाघ का आतंक दिखने लगा है….वार्ड नम्बर सात निवासी कलम सिंह रावत घोण्टियाल की तीन बकरियों बाघ ने अपना निवाला बना लिया है जबकि चार बकरियां लापता बतायी जा रही हैं…..अभी सिर्फ एक बाघ को पकड़ा जा सका है…जिससे गांव वाले और डरे हैं कि…बाकी के कब पकड़े जाएंगे…शाम के समय जुई गांव में एक घर से लगभग सौ मीटर दूर झाड़ियों में एक बाघ दिखाई दिया….इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई….वन विभाग की ट्रैंकुलाइज टीम मौके पर पहुंची और गन की रेंज में आते ही बाघ को डॉट किया…… डॉट लगते ही बाघ कुछ देर बाद बेहोश हो गया….. बाघ को जब तक पिंजरे में डाला गया तब तक उसके पकड़े जाने की सूचना मिलने पर ग्रामीण वहां एकत्र हो गये….. एक बाघ के पकड़े जाने पर ग्रामीण काफी खुश नजर आ रहे थे…लेकिन अभी भी दूसरे बाघ खुले आम आबादी की ओर आ रहे हैं..

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