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Tillu Tajpuriya की क्राइम लीला खत्म

Tillu Tajpuriya की क्राइम लीला खत्म… एक सामान्य युवक से कुख्यात बना… दोस्त के सीने में गोलियां उतार दिल्ली में जरायम की दुनिया का बना बादशाह…

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एक साधारण युवक… जुर्म का पड़ा प्रभाव… बन गया कुख्यात
दो दोस्त… जो भरता था दोस्ती का दम… ‘दुश्मनी’ के सामने दोनो बेदम… दोस्त ने ही दोस्त से ही कर ली अदावत
सुनील कैसे बन गया गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया… डॉन की पूरी कहानी जानिए

दिल्ली में गैंगवॉर में एक और गैंगस्टर की जान चली गई… गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की दिल्ली की हाई सिक्योरिटी वाली तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई… उसी टिल्लू ताजपुरिया की कहानी जानिए… जो कभी सधारण सा एक लड़का था… जिसके अपने सपने थे… लेकिन एक गलत कदम ने उसकी एंट्री जरायम की दुनिया में करवा दी… टिल्लू ताजपुरिया को साल 2015 में पहली बार गिरफ्तार किया गया… हालांकि, जो टिल्लू ताजपुरिया जुर्म की दुनिया में इतना कुख्यात था वो पहले सिर्फ एक सामान्य सा युवक हुआ करता था… दिल्ली के ताजपुर गांव में रहता था… जब उसकी जुर्म की दुनिया में एंट्री नहीं हुई थी… तो उसका नाम सुनील मान था…दिल्ली के सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद सुनील ने दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में एडमिशन लिया…

ताजपुर के पास ही अलीपुर गांव भी है… इस गांव का ही एक युवक था जितेंद्र मान… सुनील और जितेंद्र बचपन से ही दोस्त थे… स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनील और जितेंद्र दोनों श्रद्धानंद कॉलेज में आगे की पढ़ाई शुरू करते हैं… जितेंद्र शुरू से ही वॉलीबॉल और एथलेटिक्स का बढ़िया खिलाड़ी था… साल 2007 में कॉलेज में उसे एडमिशन भी स्पोर्ट्स कोटे से ही मिला था… जितेंद्र राष्ट्रीय स्तर पर गेम्स में खेलना चाहता था… खेल के साथ ही दोनों दोस्तों ने छात्र राजनीति में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया… उसी दौरान छात्र संघ चुनाव में दोनों के बीच दुश्मनी की नींव पड़ी… आगे चल कर ये दुश्मनी गैंगवॉर में बदल गई…

कॉलेज के बाद दोनों दोस्तों की राहें जुदा हो गईं… दोस्त जितेंद्र मान उर्फ गोगी से अलग होने के बाद सुनील ने अपराध की दुनिया के लिए अपना अलग नाम रख लिया… अब उसे टिल्लू ताजपुरिया के नाम से जाना जाने लगा… उसने अपने गांव ताजपुर को अपने नाम के साथ जोड़ लिया… इसका मकसद था कि उसे अपने गांव के नाम से जाना जाए… हालांकि, हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई हिस्सों में अपने गांव का नाम लगाने की परंपरा है… टिल्लू ने भी उसी तर्ज पर अपने नाम के साथ ताजपुरिया जोड़ लिया…

टिल्लू आगे चलकर नीरज बवानिया सिंडिकेट का हिस्सा हो गया…दिल्ली में साल 2013 के बाद जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के बीच गैंगवॉर तेज हो गई… दोनों गैंग हत्या, उगाही, और लूटपाट की कई वारदातों को अंजाम दिया… साल 2015 में इन दोनों के बीच अदावत टॉप पर थी…हालत ये हो गई कि टिल्लू ताजपुरिया ने जितेंद्र गोगी को निपटाने के लिए प्लान बनाना शुरू कर दिया… आखिरकार साल 2018 में बुराड़ी इलाके में टिल्लू गैंग ने एक गैंगवॉर के अंजाम दिया था… इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि 5 लोग घायल हुए थे… इसमें जितेंद्र गोगी का नाम सामने आया था… कहते हैं ना बुरे काम का बुरा नतीजा होता… ठीक वैसा ही हुआ… आज टिल्लू ताजपुरिया क्राइम की दुनिया में इतिहास बन गया… वो उसी का शिकार हुआ… जिसके जरिए उसने अपने दोस्त से बने दुश्मन को निपटाया था…

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