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Uday Pratap Singh ने Mulayam से Raja Bhaiya का किया कनेक्शन

Uday Pratap Singh ने Mulayam से Raja Bhaiya का किया कनेक्शन । पिता की बात सुन राजा भैया बहुत ही ज्यादा परेशान, भानवी के चेहरे पर चमकी खुशी !

Uday Pratap Singh ने Mulayam से Raja Bhaiya का किया कनेक्शन । The Rajneeti

राजा भैया के दिल में मुलायम के लिए सम्मान रहा… क्या राजा के पिता उदय प्रताप सिंह को मुलायम की ओर से उठाए एक कदम से रहा एतराज ?
पिता उदय प्रताप सिंह ने राजा भैया पर कसा तंज… राजा भैया तक बात पहुंची होगी… तो पूछ लिया होगा… ये आपने क्या कह दिया ?
राजा भैया पिता से कह रहे होंगे… आपने हम पर विश्वास नहीं किया… परायों को अपना समर्थन दे दिया… ये आपने कैसी बात कह दी ?

जीहां भदरी रियासत के राजा, राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह ने एक मसले पर ऐसी बात कही है… जो कुंडा के राजा, राजा भैया को चुभ रही होगी… पिता उदय प्रताप सिंह ने राजा भैया पर ऐसा प्रहार किया है… जिसे करने के बारे में कोई सोच नहीं सकता… उदय प्रताप सिंह ने राजा भैया पर एक ऐसी तोहमत मढ़ी है… जिसे दुनिया सुनेगी… तो धारणा ये बनाएगी ही… वाकई में राजा भैया की जिंदगी में जो भी हो रहा है… उसके लिए वो कसूरवार है… उन्होंने ही कुछ किया होगा… जिसकी वजह से उनकी पारिवारिक जिंदगी पर वज्रपात हो गया… पति-पत्नी के जिस रिश्ते में वो सालों पहले भानवी कुमारी से बंधे थे… अब वो रिश्ता टूटा तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ राजा भैया ही जिम्मेदार है… भानवी कुमारी की ओर से पहल नहीं हुई… दोनों के बीच रिश्ते में जो अलगाव हुआ उसके लिए तो राजा भैया ही जिम्मेदार है… राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह के एक लाइन के वाक्य में मुलायम के एक संदर्भ का वाकया सामने आ गया है… देखने वाले कहने वाले तो यही कहेंगे… राजा भैया क्या सपा के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव के उस रास्ते पर निकल पड़े हैं… जिसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शायद ही कभी स्वीकार किया होगा… शायद ही कभी अपनी सहमति दी होगी….राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह ने बात ही ऐसी कही है… एक लाइन के वाक्य हजारों वाक्यों से सजे इतिहास के पन्ने को उलट कर रख दिया… आपको बताएंगे उदय प्रताप सिंह ने क्या कहा… लेकिन उनकी ओर से ये बात कहने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहना शुरू किया वो पहले जान लीजिए… एक यूजर ने लिखा…

महाराज जी आप हस्तक्षेप करके संबंध को पुनर्स्थापित कराइए आपके
आदेश का पालन दोनों लोगों को करना ही पड़ेगा नहीं तो राजनीतिक और
व्यक्तिगत बहुत बड़ी क्षति राजा भैया जी को होगी और कुल पर एक बड़ा
कलंक लग जाएगा आपके आदेश को दोनों लोगों को मानना पड़ेगा ।

तो दूसरे यूजर ने लिखा

आदरणीय महाराज जी आपने ये किस परिप्रेक्ष्य में कहा है
मुझे नहीं मालूम लेकिन इतना जरूर है आदरणीय रघुराज भदरी के
आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप है और ये
बात मै इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मै स्वयं आदरणीय रघुराज
भदरी को अपना आदर्श मानता हूं ना कि किसी डर से

एक और यूजर ने लिखा

बड़े राजा अगर हस्ताक्षेप करें तो चीजे
सामान्य हो सकती है,,समाज का कोई भी
व्यक्ति ऐसा नही चाहता कि ऐसी स्थिति बनें

तो एक और यूजर ने लिखा

अगर आपका ये ट्वीट तलाक के संबंध में है तो आप सही है
राजा भईया का यह कदम अच्छा नही है उनके लिए भी और
उनके हम जैसे प्रसंशको के लिए भी

एक दूसरे यूजर ने लिखा

मेरा मानना है की कुछ तो सोच कर ही भाई के साथ
होंगे वो गलत नही हो सकते हैं राजा भैया तलाक
हमारे धर्म का हिस्सा नही है

अब जानिए राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह ने आखिर क्या लिखा… जिसपर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई… कोई कह रहा है… राजा भैया ऐसा कर नहीं सकते हैं… कोई कह रहा है… राजा भैया ने ऐसा किया तो गलत… उदय प्रताप सिंह ट्वीट कर लिखा…

रघुराज भदरी अपने आदर्श मुल्ला मुलायम से कम नहीं

अब सोशल मीडिया यूजर उदय प्रताप सिंह की ओर से लिख गए इस वाक्य को राजा के तालक और मुलायम सिंह यादव से जोड़कर इसलिए देख रहे हैं… क्योंकि मुलायम अपनी पहली पत्नी मालती देवी के रहते हुए… प्रतीक यादव की मां साधना गुप्ता से प्रगाढ़ रिश्ता बनाया था… अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम और साधना के रिश्ते का जिक्र हैं…. मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं… साधना गुप्ता ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और इसके बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की थी…. एक बार मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी. उस समय वहां मौजूद साधना ने नर्स को रोक दिया… उस वक्त साधना की वजह से मुलायम की मां मूर्ति देवी की जान बची गई थी… इस बात से मुलायम काफी प्रभावित हुए थे… यही से दोनों एक-दूसरे के नजदीक आए थे… बताया जाता है कि 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का एड्रेस दिया हुआ था… यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था… अब उदय प्रताप सिंह के कहने का मतलब ये है… तो सवाल है… कि क्या कुंवर अक्षप्रताप सिंह को साथ देने की वजह से राजा भैया और भानवी कुमारी के बीच अलगाव नहीं हुआ… क्या राजा भैया की जिंदगी कोई और है… ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं… जवाब तो आखिरकार राजा भैया को ही देना है…

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