UP Nikay Chunav में एक महिला जो इस दुनिया से चली गई… ये जानकर भी लोगों वोट दिया… उस महिला की जीत की ये कहानी दिल छू लेगी…

निकाय चुनाव में एक ऐसा रिकॉर्ड बना… एक प्रत्याशी को ऐसा सम्मान मिला… जो अब तक शायद, किसी को मिला होगा, वो नहीं रही… इस दुनिया को छोड़ चली गई… लेकिन उन्हें वोटर्स ने ही भूल पाए
वोटरों ने मृत कैंडिडेट को जिता दिया चुनाव… जीत की ये कहानी दिल छू लेगी… ऐसा सम्मान किसी नहीं मिला

जीत की ये कहानी काफी इंटरेस्टिंग है… काफी इंस्पायरिंग है… काफी दिल को छू लेने वाली है… हैरान करने वाली है… जो अबतक शायद ही सियासत की दुनिया में नेताओं के लिए जनता के दिल में दिखा होगा… शायद ही ऐसा सम्मान जनता ने इससे पहले कभी नेताओं को दिया होगा… नगर निकाय चुनाव में एक ऐसा ही सम्मान श्रद्धांजलि के तौर अमरोहा के वोटर्स ने चुनावी मैदान में खड़ी एक नेता को दिया… उस नेता का आशिया बी है….

आशिया बी ने हसनपुर नगपालिका के वार्ड 17 से किया था पार्षद पद पर नामांकन
16 अप्रैल को नामांकन करने के चार दिन बाद 20 अप्रैल को हुआ था निधन
निधन के बाद भी पक्ष में हुआ मतदान, दो हजार से अधिक वोटों से जीती आशिया

जीहां ये चौंकाने वाली बात है… अमरोहा में हुए नगर निकाय चुनाव में एक सीट के रिजल्ट ने वाकई हर किसी को चौंकाया… हसनपुर नगरपालिका के वार्ड 17 से आशिया बी ने पार्षद पर जीत दर्ज की है… 25 साल की आशिया बी को मिली ये जीत कई मायने में चौंकाने वाली है… दरअसल, नगर निकाय चुनाव की वोटिंग से पहले ही आशिया बी का निधन हो गया था… इसके बाद भी क्षेत्र के लोगों ने उन्हें वोट दिया… वोट इसलिए भी दिया… कि लोगों के लिए आशिया काफी मिलनसार थीं… वो किसी से भी गर्मजोशी से मिलती थी… समस्याओं को सुलझाने के लिए तत्पर रहती थीं… जब उन्होंने वार्ड पार्षद का नामांकन किया तो क्षेत्र के लोगों ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया… लेकिन, चुनाव से पहले ही आशिया का निधन हो गया… इसके बावजूद लोगों ने मृतक कैंडिडेट को वोट देकर जिता दिया… लोगों आशिया से अपना वादा निभाया… जब हसनपुर के लोगों आशिया को समर्थन देने का ऐलान किया था, तो वो अपने वादे से पीछे नहीं हटे… वादा निभाया

यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर आशिया बी ने हसनपुर नगरपालिका सीट के वार्ड 17 के पार्षद प्रत्याशी तौर पर नामांकन किया था… 16 अप्रैल को उन्होंने अपना नामांकन फॉर्म दाखिल किया… हालांकि, इस दौरान उनकी तबियत खराब चल रही थी…निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करने वाली आशिया बी को लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिला… हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के कारण वे प्रचार में निकल नहीं पा रही थीं… आशिया के पेट और फेफड़े में संक्रमण लगातार बढ़ता गया… 20 अप्रैल को उनका निधन हो गया…

आशिया ने काफी समय पहले से नगर निकाय चुनाव में वार्ड पार्षद के तौर पर उम्मीदवारी के लिए लोगों से समर्थन मांगना शुरू कर दिया था… लोगों ने उन्हें समर्थन देने की बात कही…इसके बाद उन्होंने अमरोहा में हुए नगर निकाय चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की। चुनाव से पहले भले ही उनकी मौत हो गई, लेकिन लोगों ने उनसे किया वादा पूरा किया। मौत के बाद ही सही, आशिया बी वार्ड पार्षद तो कहलाएंगी ही… तो देखा आपने आशिया जब जनता को अपना मित्र बनाकर बैठी… तो जनता ने जो वादा किया था… वो उस वादे को तोड़ने की हिम्मत उसके मरने के बाद भी जुटा नहीं पाए…मरने के बाद भी आशिया को लोगों का समर्थन और प्यार मिला…

अमरोहा के हसनपुर नगरपालिका परिषद में 30 वार्ड हैं… आशिया ने वार्ड 17 के पार्षद उम्मीवार के तौर पर नामांकन किया था… चुनाव में उन्होंने 2000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है… आशिया की पिछले साल मुंतजीब अहमद के साथ शादी हुई थी… मुंतजीब शहर में दूध की डेयरी चलाते है…वार्ड 17 महिलाओं के लिए आरक्षित था… कहा जाता है… आशिया ने इससे पहले कभी किसी चुनाव में उम्मीदवारी पेश नहीं की थी… उसने लोगों की सेवा के लिए राजनीति का रास्ता चुना…वो लोगों के बीच गईं और अपने व्यवहार से उनका भरोसा एवं विश्वास जीता… इलाज के दौरान उनका निधन हो गया और वो अपने सपने को पूरा करने में कामयाब नहींहुई… मौत के बाद भी लोगों ने उसका समर्थन किया… चुनाव परिणाम ने साबित किया है कि लोग उसे कितना पसंद, प्यार करते थे… भले ही आशिया वक्त से पहले चली गई… जो मुकाम उसे हासिल करना था वो हासिल नहीं कर पायी… लेकिन लोगों के दिल का एहसास, उसके लिए प्यार अब जहां भी वो होगी… वहां से देख तो रही होगी…