जेडीयू से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह ना जाने कितने नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया… लेकिन अबकी जेडीयू के अंदर एक ऐसा नेता मजबूती के साथ जम गए हैं… अटैक पर अटैक नीतीश कुमार पर कर रहे हैं… लेकिन उनके खिलाफ सिर्फ बोल रहे हैं… बोलने के अलावा और कोई एक्शन नहीं ले पा रहे हैं… तो कहने वाले कह रहे हैं… उपेंद्र कुशवाहा तो लगता है…. जब तक नीतीश को तोड़ेंगे नहीं तब तक ना छोड़ने वाले रास्ते पर चल पड़े हैं… तो ऐसे में सवाल है कि जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आखिर पार्टी और नीतीश कुमार पर टिप्पणी क्यों कर रहे हैं? क्या उपेंद्र कुशवाहा को पीछे से महागठबंधन विरोधी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है? क्या जेडीयू के बागी और पार्टी से हटाए गए नीतीश के नेता अब उन्हीं के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं?… आरजेडी का कहना है कि बीजेपी के समर्थन की वजह से उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू को तोड़ना चाहते हैं… लेकिन बीजेपी से ज्यादा जेडीयू से निकाले दो नेता हैं… जिनका साथ उपेंद्र कुशवाहा को मिल रहा है… वो अपना बदला अपने हिसाब से ले रहे हैं…तो कौन है… जेडीयू से निकाले गए वो दो नेता… आपकों बताएंगे… इस रिपोर्ट को आखिर तक जरूर देखिए….
अब ये कह रहे हैं… उपेंद्र कुशवाहा जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं के सिद्धांत पर चल रहे हैं…दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के बीच चल रही बयानबाजी के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने ये ऐलान कर दिया कि वो किसी के कहने पर पार्टी छोड़कर नहीं जाने वाले…जेडीयू में उनकी भी हिस्सेदारी है इसलिए किसी को भी बाप-दादा की संपत्ति हड़पने नहीं देंगे… जबकि नीतीश कुमार उन्हें तीन-तीन बार पार्टी छोड़कर जाने की नसीहत दे चुके हैं… ऐसे में सवाल ये उठता है कि उपेंद्र कुशवाहा आखिर पार्टी छोड़कर जा क्यों नहीं रहे?…कहने वाले कह रहे हैं… कि उपेंद्र कुशवाहा जानते हैं कि जेडीयू के भीतर कई विधायक ऐसे हैं, जो आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चलाए जाने के खिलाफ हैं… उपेंद्र कुशवाहा उन्हीं विधायकों को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं… ताकि उन्हें लेकर पार्टी से बाहर निकले और जेडीयू में न सिर्फ टूट हो बल्कि नीतीश कुमार के पास मंत्रियों के अलावा और कोई ना बचे…कहने वाले कह रहे हैं… उपेंद्र कुशवाहा भीतर ही भीतर पार्टी के दो तिहाई विधायकों को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं…
वैसे देखा जाए तो उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी नीतीश कुमार से नहीं बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से है…उपेंद्र कुशवाहा को ये लगता है कि ललन सिंह ही वो व्यक्ति हैं, जो पार्टी और खुद उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं… इसके अलावा ललन सिंह ही उनके खिलाफ नीतीश कुमार के कान भर रहे हैं… ललन सिंह ने हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा से ये पूछा था कि पार्टी में उनका योगदान क्या है? अब सब जानते हैं… जब कोई इस तरह कोई पूछे तो लगता है… दाल में काला है… पूरी दाल ही काली है… किसी भी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने ही पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के विषय में जब इस तरह बातें कहे तो समझना मुश्किल नहीं है कि पार्टी के भीतर क्या चल रहा है और पार्टी अध्यक्ष क्या करना चाहते हैं?…