![कुबेरपुर लैंडफिल साइट](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/10/03/750x506/kuberpur-landfill-site_1633241176.jpeg)
ताजनगरी की सड़कों पर भले ही कचरा पड़ा हो, लेकिन कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर 10 वर्ष से जमा कचरे के पहाड़ खत्म करने में आगरा सूबे में मिसाल बन गया है। स्वच्छ भारत मिशन-1 में पूरे प्रदेश में आगरा इकलौता ऐसा शहर है, जो 9.57 लाख मीट्रिक टन कचरे के पहाड़ को खत्म कर खाली जमीन को पार्क में बदल रहा है। अब तक 8 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जा चुका है।
पांच अक्तूबर को लखनऊ आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मंगलवार को आगरा नगर निगम कुबेरपुर लैंडफिल साइट से बायोमाइनिंग तकनीक से कचरे के पहाड़ हटाने का प्रस्तिुतिकरण देगा। प्रधानमंत्री इसी जगह पर प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी (कचरे से बिजली बनाने) के प्लांट का 3डी मॉडल भी देखेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बनी लैंडफिल साइट्स से कचरे के पहाड़ हटाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-2.0 की शुरुआत की है, लेकिन आगरा ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहले चरण में ही कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर जमा 9.57 लाख मीट्रिक टन कचरे में से 8 लाख मीट्रिक टन कचरा हटा दिया है।
![कुबेरपुर लैंडफिल साइट](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/10/03/750x506/kuberpur-landfill-site_1633241524.jpeg)
नगला रामबल खत्ताघर की कैपिंग के बाद कुबरेपुर लैंडफिल साइट पर वर्ष 2011 से जमा कचरे के पहाड़ खत्म करने के लिए एनजीटी के आदेश पर 28 अक्तूबर 2019 से काम शुरू किया गया था। तत्कालीन पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने इसे शुरू कराया। जिस पर कुल 25.92 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। प्रदेश में यह पहला लैंडफिल साइट है, जहां कचरे के पहाड़ खत्म किए गए हैं। यहां अब काम शुरू होने की अवधि में जमा कचरा ही बाकी है, जिसे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू होने से पहले खत्म करने का दावा किया गया है
![कुबेरपुर लैंडफिल साइट](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/02/19/750x506/kuberpur-landfill-site_1613714889.jpeg)
ये है बायोमाइनिंग
बायोमाइनिंग कचरे को प्रोसेस करने की प्रक्रिया है, जिसमें लैंडफिल साइट पर जमा पुराने कचरे को कुरेदकर, पलट कर विंडरोज बनाया जाता है। उसके बाद बायो एंजाइम का स्प्रे करने से कचरे के क्षरण की प्रक्रिया होती है। इसके बाद ट्रोलर से गुजारकर कचरे को 5 तरह की मशीनों से निकालते हैं, जिसके बाद लैंडफिल के लिए मैटेरियल तैयार होता है। यह मिट्टी की जगह भराव के काम आता है।
![कुबेरपुर लैंडफिल साइट](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/10/03/750x506/kuberpur-landfill-site_1633241274.jpeg)
नगला रामबल को बनाया बुद्धा पार्क
केवल कुबेरपुर नहीं, बल्कि इससे पहले शाहदरा के नगला रामबल में नगर निगम ने कैपिंग कर खत्ताघर पर पार्क बनाया था, जिसे तत्कालीन मायावती सरकार ने बुद्धा पार्क का नाम दिया। यह भी प्रदेश का पहला पार्क था, जो लैंडफिल साइट की कैपिंग कर बनाया गया।
![खत्ताघर पार्क में बदला](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2020/12/19/750x506/gabrage_1608362138.jpeg)
ग्वालियर रोड पर खत्ताघर पर बनाया पार्क
ग्वालियर रोड पर कचरे के पहाड़ हटाने के लिए छावनी परिषद ने पार्क बनाया है। यहां कचरे के पहाड़ हटाने के लिए प्रोसेसिंग जारी है। यहां 5 हजार पेड़ खत्ताघर की जगह पर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा हरी घास लगाकर पार्क और इसके किनारे खुशबूदार पौधे लगाए गए हैं। तीन पार्क बनाए जा चुके हैं, जबकि बड़े क्षेत्र में खत्ताघर में पड़े कचरे के निस्तारण का काम जारी है।
![कुबेरपुर लैंडफिल साइट का मॉडल](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/10/03/750x506/kuberpur-landfill-site_1633241465.jpeg)
प्रधानमंत्री को दिखाएंगे सफाई का मॉडल
नगर आयुक्त निखिल टी. फुंडे ने बताया कि प्रदेश में आगरा कचरे के पहाड़ खत्म करने वाला पहला नगर निगम है। प्रधानमंत्री की लखनऊ यात्रा के दौरान कुबेरपुर लैंडफिल साइट की प्रोसेसिंग का वीडियो और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के साथ ताज के पास सफाई का मॉडल पेश किया जाएगा।
![कुबेरपुर लैंडफिल साइट](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2019/09/24/750x506/tonnes-of-waste_1569321594.jpeg)
आंकड़े
- 72 एकड़ जमीन पर है कुबेरपुर लैंडफिल साइट
- 42 एकड़ में थे कचरे के पहाड़
- 9.57 लाख मीट्रिक टन कचरा था यहां
- 08 लाख मीट्रिक टन कचरा प्रोसेस किया गया
- 25.92 करोड़ रुपये हो रहे हैं खर्च
- 2011 से जमा होना शुरू हुआ कचरा
- 2019 से बायोमाइनिंग शुरू की गई