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Coonoor Helicopter Crash: हेलीकॉप्टर हादसे में ताजनगरी के पृथ्वी सिंह भी हुए शहीद, परिवार ने खोया इकलौता बेटा

हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ ताजनगरी के जांबाज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं। पृथ्वी सिंह उसी हेलीकॉप्टर के पायलट थे, जिसमें सीडीएस रावत, उनकी पत्नी व अन्य लोग सवार थे। यह जानकारी पृथ्वी के पिता सुरेंद्र सिंह ने दी है। 

विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान दयालबाग के सरन नगर के रहने वाले थे। वर्तमान में उनकी तैनाती कोयंबटूर के पास वायु सेना स्टेशन में थी। घटना की जानकारी होते ही उनके घर पर पड़ोसी व रिश्तेदार जुटने लगे। मशहूर बीटा ब्रेड का उत्पादन करने वाले उनके पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पृथ्वी उनके इकलौते बेटे और सबसे छोटी संतान थे। 

मुंबई में रह रही सबसे बड़ी बेटी शकुंतला ने टीवी पर खबर देखकर पृथ्वी की पत्नी कामिनी को फोन किया, तब उन्हें बेटे की शहादत की जानकारी मिली। अमर उजाला से बातचीत करते हुए सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 42 वर्षीय पृथ्वी अपनी बहनों के सबसे छोटे भाई थे। 

बड़ी बहन शकुंतला, दूसरी मीना, गीता और नीता। पृथ्वी ने छठवीं कक्षा में सैनिक स्कूल रीवा में दाखिला लिया। वहीं से एनडीए में सलेक्ट हो गए। साल 2000 में भारतीय वायुसेना में ज्वाइनिंग हुई। वर्तमान में विंग कमांडर थे।
 
वृंदावन से हुई थी शादी
पृथ्वी का विवाह साल 2007 में वृंदावन निवासी कामिनी से हुआ। उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी आराध्या 12 वर्ष और अविराज नौ वर्ष का पुत्र है। वे परिवार के साथ वायु सेना परिसर में रह रहे थे। पिता सुरेंद्र सिंह व मां सुशीला देवी सरन नगर स्थित घर में हैं। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बड़ी बहन शकुंतला ने जब टीवी देखने के बाद भाई को फोन किया तो नंबर बंद था। उसके बाद ही उन्होंने पृथ्वी सिंह की पत्नी से संपर्क किया।

हैदराबाद में मिली थी पहली तैनाती
एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद पृथ्वी को पहली तैनाती हैदराबाद में मिली थी। इसके बाद वे गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्य एयरफोर्स स्टेशनों पर भी तैनात रहे। उन्हें एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था। वे काफी प्रतिभाशाली और अनुभवी पायलट थे।

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