
देश में सौ करोड़ टीका लगने पर कोरोना योद्धाओं के सम्मान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित मंदिरों और स्मारकों को तिरंगामय रोशनी से रोशन किया जाएगा। इसमें ब्रज के मंदिर और ऐतिहासिक स्मारक भी शामिल हैं। वृंदावन के सबसे प्राचीन मंदिरों में शुमार मदनमोहन और गोविंद देव मंदिर पर भी भव्य रूप से सजावट की गई है। रविवार को दोनों मंदिरों पर तिरंगामय की रोशनी का ट्रायल किया गया है। इससे पूर्व ट्रायल के दौरान आगरा के चार स्मारकों आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला और सिकंदरा स्मारक को तिरंगे के रंग में रोशन किया गया था। ताजमहल सुरक्षा कारण से इस महोत्सव में शामिल नहीं किया गया है।

देश में कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही 100 करोड़ टीका लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इसी संदेश को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने देश की 100 प्राचीन इमारतों को तिरंगा के रंग से सजाने का फैसला लिया गया है।

इन इमारतों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण वाले दो मंदिर मथुरा जनपद की हैं। यह दोनों ही प्राचीन मंदिर वृंदावन में स्थित हैं, जिन्हें ब्रज के सबसे प्राचीन मंदिरों के रूप में पहचान मिली हुई है। इसमें मदनमोहन मंदिर और गोविंद देव मंदिर शामिल है। इन मंदिरों को बिजली की झालरों से सजाया गया है।

रविवार को एएसआई के अधिकारी वृंदावन पहुंचे। यहां उनके सामने गोविंद देव मंदिर पर तिरंगा लाइट लगाकर ट्रायल किया। तिरंगे की रोशनी में नहाया गोविंद देव मंदिर का दृश्य देखते ही बन रहा था। कोरोना योद्धाओं के सम्मान में यह कार्यक्रम किया जा रहा है।

ताजमहल को तिरंगी लाइट से रोशन करने से अलग रखा गया। दरअसल, ताज के संगमरमर को पूर्व में हुए नुकसान की रिपोर्ट को आधार मानते हुए यहां अनुमति नहीं दी गई। ताज को छोड़कर आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला और सिकंदरा स्मारक पर भी ट्रायल हो चुका है।