किस्मत ने मारा और परिजन ने दुत्कारा तो आ पहुंचे कन्हैया की नगरी में। इस उम्मीद और विश्वास के साथ कि राधा-कृष्ण का नाम रटते-रटते जिंदगी गुजर जाएगी। यहां भी तकलीफें कम नहीं हुईं। वृंदावन के आलीशान आश्रमों में चल रहीं दिव्य कथाओं में सुबह-शाम पेट तो भर जाता है, लेकिन उसी आश्रम में सर्द रात में शरण पाना जैसे जिंदगी जीत लेने जैसा है। आरोप है कि भक्तों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। सर्द रात में ठंडे पानी की बौछार की गई। दरअसल, शुक्रवार की सुबह आनंद वाटिका और गौरी गोपाल आश्रम के बीच संत कॉलोनी में फुटपाथ पर दो महिलाओं के संदिग्ध अवस्था में शव मिले थे। इसके बाद रात में फुटपाथ पर सोते भक्तों पर पानी डालकर उन्हें दौड़ाया गया। भीगे बिछोने और कपड़ों से भक्तों ने रात जागकर गुजारी। चेतावनी दी गई कि अगर यहां सोते मिले तो फिर से पानी डाल दिया जाएगा। 

आश्रम के बाहर जमीन पर सोते श्रद्धालु

आरोप है आस्था की डोर से बंधे चले आए भक्तों पर आश्रम के समीप, फुटपाथ पर सोने पर रात में पानी की बौछार कर गई। सर्द रात में पानी की बौछार से जागे भक्तों को दौड़ाया गया। कहा गया कि अगर दोबारा यहां सोते पाए गए तो पानी डाल दिया जाएगा। आश्रमों की शोभा खराब न हो, इसलिए कन्हैया के भक्तों के साथ इस अमानवीय कृत्य से धर्म की व्याख्या करने वालों के चेहरे से नकाब हट गया है। विज्ञापन

फुटपाथ पर सोते श्रद्धालु

फुटपाथ पर जीवन गुजार रहे मांगेराम ने बताया कि उनका दुनिया में कोई नहीं है। आखिरी वक्त में कन्हैया की नगरी में आ गए। यहां आश्रमों में कथाएं सुनते हैं। खाने को मिल जाता है लेकिन जब रात में सोने की बात आती है तो आश्रम जगह नहीं देते हैं। फुटपाथ पर ही जीवन गुजार रहा हूं। रात में पानी डाल दिया, कपड़े भीग गए। वे अकेले नहीं हैं, हजारों बेसहारा भक्त वृंदावन, मथुरा, गोवर्धन में ऐसे ही जीवन गुजार रहे हैं। आश्रम के बाहर रुकते हैं तो भगा दिया जाता है।

फुटपाथ पर मिले थे दो महिलाओं के शव

शुक्रवार को मृत मिली दोनों महिलाओं के शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। पुलिस उनके परिजन के आने का इंतजार कर रही है। संत कॉलोनी में 61 वर्षीय चंपा गुप्ता निवासी लखनऊ और 68 वर्षीय सुशीला निवासी बिहार के संदिग्ध अवस्था में शव मिले थे। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम गृह भेज दिया। विज्ञापन

घटनास्थल पर जांच करती पुलिस

पुलिस ने दोनों के परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया। बिहार निवासी सुशीला के पुत्र ने आने में असमर्थता जताई जबकि लखनऊ निवासी चंपा गुप्ता के परिवार से संपर्क नहीं हो सका है। कोतवाली प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा का कहना है कि जब तक परिवार के लोगों की स्वीकृति नहीं मिल जाती, पोस्टमार्टम नहीं हो सकता।