उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की मां को प्रत्याशी बनाने के बाद क्षेत्र में पूरे दिन इस बात की चर्चा रही की हाथरस कांड की पीड़िता बिटिया के भी किसी परिजन को टिकट मिल सकता है। पूरे दिन इसे लेकर चर्चाएं होती रही कि क्या यहां कोई राजनीतिक दल बिटिया के किसी परिजन को चुनाव में उतार सकता है।

हालांकि बिटिया के भाई का कहना है कि अभी उनसे किसी राजनेता ने इसे लेकर संपर्क नहीं किया है। यदि कोई बात करेगा तो विचार करेंगे। बिटिया के भाई का कहना है कि हमें तो न्याय चाहिए। चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं।

चुनाव के मौके पर हाथरस के बिटिया प्रकरण में विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा को घेर रहे हैं। चार युवकों पर आरोप है कि 14 सितंबर 2020 को चंदपा क्षेत्र की अनुसूचित जाति की युवती के साथ दुष्कर्म कर उसे जान से मारने की कोशिश की थी।

इस युवती ने कुछ दिन बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। यह मामला खासा चर्चा में रहा था। बिटिया के परिजनों के आंसू पोंछने के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आदि नेता आए थे। यह मामला अभी तक सुर्खियों में है और सरकार को विपक्ष इस मामले में अभी भी घेर रहा है।

वैसे इस प्रकरण के चारों आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं और चारों के खिलाफ सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पूरे मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय (एससी-एसटी एक्ट) में चल रही है। बिटिया के घर पर लंबे समय से सीआरपीएफ का पहरा है।

बृहस्पतिवार को जब कांग्रेस ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़ता की मां को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की तो यह चर्चाएं भी जोर पकड़ गई कि कांग्रेस या कोई राजनीतिक दल इस बिटिया के भी किसी परिजन को चुनाव मैदान में उतार सकता है।

इसे लेकर जब बिटिया के भाई से बात की गई तो उसका कहना था कि अभी हमारा मामला न्यायालय में चल रहा है। हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले तो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। राजनीति में आने और चुनाव लड़ने को लेकर बिटिया के भाई ने कहा कि अभी किसी ने इसे लेकर संपर्क नहीं किया है। यदि कोई संपर्क करेगा तो इस पर विचार करेंगे।

प्रत्याशियों को टिकट पार्टी हाईकमान देगा। यहां किसे टिकट दिया जाएगा, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बिटिया के भाई को पार्टी टिकट दे सकती है या नहीं, इस बारे में भी मुझे कोई जानकारी नहीं है।