पिछले दिनों ‘ यूपी में का बा’ गीत गाकर विवादों में आईं बिहार की लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अब इसका दूसरा पार्ट भी लांच करने की तैयारी में हैं। वह भले ही बिहार से हों लेकिन उनका प्रयागराज से भी कनेक्शन है। उनके मंगेतर यहीं के हैं और इस तरह से वह यूपी को अपना ससुराल बताती हैं। अपने गीत पर ट्रोल किए जाने के सवाल पर उनका कहना है कि यूपी मेरा ससुराल है, इसलिए मेरा यहां से भी नाता है। इसी नाते मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और अब जल्द ही इसका दूसरा पार्ट भी लांच करूंगी।

नेहा कहती हैं कि वह लोकगायिका होने की पूरी जिम्मेदारी निभाएंगी और जनता से जुड़े हर मुद्दे पर अपने गीत के जारिए आवाज उठाती रहेंगी। जिस तरह मनोज बाजपेई ने कलाकारों के संघर्ष को ‘मुंम्बई में का बा’ गाकर बयां किया है, उसी तरह वह भी जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों पर गाना गाकर जनता की आवाज बनना चाहती हूं।

उनका यह भी कहना है कि वह बेरोजगारी, दहेज प्रथा, किसान आंदोलन आदि मुद्दों पर वीडियो बना चुकी हैं। बिहार चुनाव के वक्त भी उन्होंने ‘बिहार में का बा’ और फिर पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी की सरकार पर भी अपने गीत के जरिए सवाल उठाए थे। पिछले साल की थी सगाई
नेहा सिंह राठौर बिहार के कैमूर जिले की रहने वाली हैं लेकिन उनकी शिक्षा यूपी के कानपुर जिले से हुई है। साल 2018 से ही वह संगीत केक्षेत्र में काम कर रही हैं। कानपुर के विकास दुबे पर उनका गीत वायरल हुआ, तबसे ही वह चर्चा में हैं। पिछले साल फरवरी महीने में उन्होंने प्रयागराज में रहकर पढ़ाई करने वाले हिमांशु सिंह से सगाई की है जो मूल रूप से अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं। 

इविवि छात्रसंघ पर बनाए वीडियो पर भी उठा था विवाद
नेहा इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ नेताओं पर बनाए एक वीडियो को लेकर भी विवादों में रहीं। इस वीडियो में छात्रसंघ नेताओं को बमबाज, कट्टाबाज बताया था। जिसे लेकर इविवि के छात्रनेताआें ने खूब हंगामा किया था। इस दौरान नेहा को तीखी प्रतिक्रियाओं का भी सामना करना पड़ा था।

इस विवाद पर नेहा का कहना है कि इविवि की संस्कृति निश्चित ही महान हुआ करती थी। तब इसे पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था लेकिन क्या अब ऐसा है। वह यह भी आरोप लगाती हैं कि अब तो यह ऐतिहासिक इमारत डिग्री कॉलेज में परिवर्तित हो चुकी है। जो लोग इसके जिम्ममेदार हैं, उनसे सवाल करिए।नेहा ने लिखा था कि –
युनिवर्सिटी में लै एडमिशन, लड़िहैं छात्रसंघ इलेक्शन,
पूरे प्रयागराज में गजबै के भौकाल, कइले हो गरदा कमाल
हॉस्टल में कब्जाके कमरा, बबुवा देंय चुंगी पे पहरा,
कोचिंग वालेन खातिर भैया काल, भइले हो गरदा कमाल कइले हो

नेहा के गीतों की अधिकांश पंक्तियों से मैं सहमत ही रहता हूूं और यह बात एकदम सच है कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आलोचना की मौजूदगी उसके अस्तित्व की बुनियादी शर्त होती है।  हमारे नेताओं को और ज्यादा उदार होने की जरूरत है। यही उदारता हमें लोकतांत्रिक बनाती है पर दुख की बात है कि इसका लोप होता जा रहा है। –  हिमांशु सिंह, नेहा राठौर के मंगेतर    

बिहार चुनाव से सुर्खियों में आई थीं 

बिहार के विधानसभा चुनाव में नेहा सिंह राठौर का गाना खूब चर्चित हुआ था। ‘बिहार में का बा’ गाने के बोल के जरिए नेहा ने नीतीश कुमार की सरकार पर तंज कसा था। इसपर जदयू केकार्यकर्ताओं ने उन पर राजद का एजेंट होने का आरोप लगाया था। नेहा का कहना है कि उन्होंने नीतीश के साथ ही लालू सरकार के कामकाज पर भी सवाल खड़े किए थे और पूरे 30 साल के शासन का घेराव किया था।